मेदिनीनगर. राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल मेदिनीनगर के पदाधिकारी व कर्मचारी खासा परेशान हैं. कार्यपालक अभियंता उपेंद्र प्रसाद सिंह 29 फरवरी को सेवानिवृत्त हो गये. इसके बाद अभी तक विभाग द्वारा उनके पद पर किसी का पदस्थापन या प्रतिनियुक्ति नहीं की गयी है. इस कारण विभागीय कार्य प्रभावित हो रहा है. प्रत्येक माह सरकार को जो रिपोर्ट भेजी जाती है, वह भी प्रभावित हुआ है. हालांकि अधीक्षण अभियंता को इस कार्य के लिए जिम्मेवारी दी गयी है. मार्च से लेकर जुलाई माह तक सिर्फ दो बार ही रिपोर्ट भेजी जा सकी है. राष्ट्रीय उच्च पथ के कई सड़क व पुल निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा दी गयी है. लेकिन कार्यपालक अभियंता का पदस्थापन नहीं होने से निर्माण कार्य भी प्रभावित हुआ है. इधर राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल मेदिनीनगर में पदस्थापित पदाधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन भी पांच माह से लंबित है. वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मियों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. लेखा पदाधिकारी विद्या शंकर प्रसाद ने बताया कि विभाग की उदासीनता के कारण यह स्थिति बनी है. कार्यपालक अभियंता के पदस्थापन या प्रतिनियुक्ति को लेकर मुख्य अभियंता प्रमुख, अधीक्षण अभियंता, विभाग के प्रधान सचिव, पलामू व गढ़वा डीसी को कई बार पत्र भेजा गया. हाल में ही अधीक्षण अभियंता को पत्र भेजकर सारी स्थिति से अवगत कराया गया है. इसकी प्रतिलिपि राज्यपाल व मुख्यमंत्री को भी दी गयी है. कर्मचारियों का कहना है कि विभाग के वरीय पदाधिकारी उनलोगों की परेशानी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. हालत यह है कि उनके बच्चों की स्कूल फीस जमा नहीं हो पा रही है. बैंक का ऋण चुकता करने में भी असमर्थ हैं. मकान का किराया भी बकाया है. मार्च से अब तक 25 पदाधिकारी व कर्मियों का वेतन भुगतान लंबित है. सहायक अभियंता रामावतार राम, मानदेव राम, लिपिक मोहम्मद मिनहाज उदीन, मोहम्मद कलीम अंसारी, अंकित, योगेंद्र मंडल, महेशी राम, मोहम्मद इमरान खान, सुनील दत उरवार, रंजीत सिंह, कौशलेंद्र कुमार सिंह, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, मुनवा देवी, मोहम्मद इरतबा आदि ने कार्यपालक अभियंता का पदस्थापन करने की मांग की है.
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