चंद्रशेखर सिंह, मेदिनीनगर पलामू जिले के 2,499 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में पिछले चार माह से कुकिंग कॉस्ट की राशि नहीं मिलने के कारण तीन लाख 27 हजार से अधिक बच्चे प्रभावित हो रहे हैं, विभागीय निर्देश के बावजूद अधिकांश विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना ठप पड़ी है या सिर्फ औपचारिकता निभायी जा रही है. सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक माह जिले को लगभग ढाई से तीन करोड़ रुपये कुकिंग कॉस्ट के रूप में मिलने चाहिए, लेकिन पिछले चार माह से राशि नहीं मिलने के कारण कई विद्यालयों में भोजन बंद हो गया है. पीपरा प्रखंड के कई विद्यालयों में निरीक्षण के दौरान स्थिति साफ हो गया. विशुनपुर, अंधारीबाग खुर्द, बलहा और सोनवे के स्कूलों में भोजन पूरी तरह बंद था. कुछ प्रधानाध्यापक विभागीय दबाव में उधारी लेकर भोजन चला रहे हैं, पर स्थिति स्थायी नहीं है. दुकानदार अब उधारी देने से मना कर रहे हैं. एक प्रधानाध्यापक ने बताया कि सिर्फ अंडे के लिए सात-आठ हजार रुपये पूरक राशि के रूप में मिले हैं, जो नाकाफी है. चावल की आपूर्ति भी अनियमित कई प्रखंडों में डिलीवरी एजेंसी समय पर अनाज उपलब्ध नहीं करा रही है, जिससे समस्या और गहरी हो गयी है. विभागीय मॉनिटरिंग समितियां सक्रिय नहीं हैं और शिकायतों के बावजूद अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि बच्चों के भोजन पर भी भ्रष्टाचार हो रहा है. हाजिरी कम, खर्च अधिक बच्चों की उपस्थिति कम होने के बावजूद स्कूलों में फर्जी उपस्थिति दिखाकर चावल और कुकिंग कॉस्ट की राशि निकाली जा रही है. रजिस्टर में नाम दर्ज बच्चों की तुलना में वास्तविक उपस्थिति काफी कम है. डीएसइ का बयान पलामू जिला शिक्षा अधीक्षक संदीप कुमार ने बताया कि अभी तक आवंटन नहीं मिला है. आवंटन मिलते ही दो दिनों के भीतर सभी विद्यालयों को राशि उपलब्ध करा दी जायेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी स्थिति में मध्याह्न भोजन बंद नहीं होना चाहिए.
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