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सिदो-कान्हू के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता

हुल दिवस के अवसर पर आजसू कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन मेदिनीनगर : हूल दिवस पर अमर शहीद सिदो-कान्हो और चांद-भैरव की याद में आजसू जिला कार्यालय में वीर सपूतों की तसवीर पर माल्यार्पण कर आजसू नेताओं ने संकल्प लिया. इसकी अध्यक्षता संयोजक विजय कुमार मेहता ने की. संचालन इमत्याज अहमद नजमी ने किया. मौके […]

हुल दिवस के अवसर पर आजसू कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन

मेदिनीनगर : हूल दिवस पर अमर शहीद सिदो-कान्हो और चांद-भैरव की याद में आजसू जिला कार्यालय में वीर सपूतों की तसवीर पर माल्यार्पण कर आजसू नेताओं ने संकल्प लिया. इसकी अध्यक्षता संयोजक विजय कुमार मेहता ने की. संचालन इमत्याज अहमद नजमी ने किया.

मौके पर श्री मेहता ने कहा कि संथाल हूल भारतीय इतिहास की महान घटना है. अन्याय के खिलाफ सैकड़ों लोगों ने अपने प्राणों की आहूति दी. उन्होंने कहा कि सिदो-कान्हो के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता.

उनके बताये आदर्श पर चलने की जरूरत है. केंद्रीय सदस्य सतीश कुमार ने कहा कि अग्रेंजों के खिलाफ सिदो-कान्हू ने बिगूल फूंका था. उन्होंने कहा कि महान सपूत थे. मौके पर केंद्रीय सदस्य विकेश शुक्ला, चंद्रशेखर सिंह छोटू, बबलू गुप्ता, रुद्र शुक्ला, डॉ श्यामदेव मेहता, तुलसी शुक्ला, सतीश तिवारी सहित कई नेताओं ने अपने विचार रखे.

जल,जंगल व जमीन को बचाने का संकल्प लेें : अदि कुडुख सरना समाज द्वारा गुरुवार को हूल दिवस मनाया गया. इस अवसर पर सदर प्रखंड के पोखराहा कला में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अतिथियों व आयोजन समिति के लोगों ने शहीद वीर सपूत सिदो-कान्हू की तसवीर पर माल्यार्पण किया. अतिथियों ने शहीद वीर सपूत सिदो-कान्हू की वीर गाथा को प्रस्तुत किया. इससे पहले सरना स्थल पर सामूहिक प्रार्थना एवं पूजा अनुष्ठान किया गया.

सरना परिवार के लोगों द्वारा हूल दिवस के अवसर पर गीत व नृत्य प्रस्तुत किया गया. सरना परिवार के लोगों ने हुल दिवस के अवसर पर पौधा लगाओ, पेड़ बचाओ अभियान के तहत पोखराहा में जागरूकता कार्यक्रम चलाया. लोग हाथों में तख्ती लिए हुए चल रहे थे और पौधा लगाकर उसे बचाने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता सरना समाज के जिलाध्यक्ष रितेश बाडा ने की, संचालन श्यामलाल उरांव ने किया.

मुख्य अतिथि कनीय अभियंता किशुन उरांव ने कहा कि उनके पूर्वजों ने जिस उद्देश्य को लेकर अंग्रेजों की दासता, जुल्म व शोषण के खिलाफ क्रांति का बिगुल फूंका था, उस उद्देश्य को पूरा करने के लिए काम करने की जरूरत है. पूर्वजों ने जल, जंगल व जमीन बचाने के लिए अपनी कुरबानी दे दी. आज जरूरत है संकल्प लेकर उनके सपने को साकार करने की दिशा में काम करने की.

विशिष्ट अतिथि चियांकी पंसस बसंती देवी ने कहा कि वीर सपूतों के बताये मार्ग पर चलने की जरूरत है. कार्यक्रम में शामिल लोगों ने इन शहीद वीर सपूतों को नमन किया और देश समाज एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए संकल्प लिया. कार्यक्रम में सतीश उरांव, शिमोन बाख्ला, मुन्नी उरांव, सुनील उरांव, बिगन उरांव, सुनयना उरांव, धीरज भगत सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे.

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