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पलामू के चिकित्सक रहे हड़ताल पर, मरीजों की बढ़ी परेशानी
मेदिनीनगर : नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक के विरोध में पलामू के चिकित्सक शनिवार को हड़ताल पर रहे. चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण सदर अस्पताल का आउटडोर बंद रहा. वही चिकित्सकों के निजी क्लिनिक भी बंद रहे. इस कारण शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से आये मरीजों को काफी परेशानी हुई. रिमझिम बारिश के […]
मेदिनीनगर : नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक के विरोध में पलामू के चिकित्सक शनिवार को हड़ताल पर रहे. चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण सदर अस्पताल का आउटडोर बंद रहा. वही चिकित्सकों के निजी क्लिनिक भी बंद रहे. इस कारण शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से आये मरीजों को काफी परेशानी हुई.
रिमझिम बारिश के बीच काफी संख्या में मरीज सदर अस्पताल पहुंचे थे.कई मरीज गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. किसी तरह से वे अस्पताल पहुंचे थे. लेकिन जब उन्हें यह पता चला कि उनका यहा इलाज नहीं होगा, तो उन्हें काफी मायूसी हुई. कई मरीज तो ऐसे भी थे, जो काफी गरीब थे.
बारिश के कारण वाहन नहीं चलने के कारण दूर दराज से मरीज टेंपो रिजर्व कर पहुंचे थे. उनकी हालत सबसे अधिक खराब थी. उनका कहना था कि उनका खर्चा बेकार हो गया है. उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह इलाज के लिए कही बाहर जा सके. बरसात के कारण पलामू के सुदूरवर्ती इलाकों में बीमारी बढ़ जाती है. इनमें मलेरिया, डेंगू, डायरिया आदि बीमारी आम हो जाती है. उनका एकमात्र सहारा सदर अस्पताल ही होता है.
लेकिन सदर अस्पताल में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं थी. बड़ी संख्या में मरीज इधर-उधर भटकते देखे गये. कई मरीज तो गेट के बाहर ही पड़े रहे. आउटडोर बंद देखकर कई मरीज निजी क्लिनिक की ओर रुख किये, लेकिन वहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी. अंतत: विवश होकर मरीज वापस लौट गये. इधर डॉ सत्येंद्र नारायण गिरी इंसानियत का परिचय देते हुए सदर अस्पताल के बरामदे पर बैठकर कई मरीजों का इलाज किया.
करीब 10 बजे से डॉ गिरी ने इलाज शुरू किया था. दोपहर तीन बजे तक वे मरीजों का इलाज करते रहे. लेकिन मरीजों की संख्या में कमी नही आयी. हड़ताल पर गये चिकित्सकों का कहना था कि किसी भी हालत में नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक को पारित नहीं होने देंगे.
चिकित्सकों ने की बैठक
शनिवार को हड़ताल पर गये चिकित्सकों ने आइएमए हॉल में बैठक की. इसकी अध्यक्षता सचिव डॉ अवधेश कुमार ने की. बैठक में नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक पर विस्तार से चर्चा किया गया. बैठक में कहा गया कि यह विधेयक नुकसानदेह है. किसी भी हाल में इस विधेयक को पारित नहीं होने देंगे.
यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो इसके प्रावधान के मुताबिक बगैर एमबीबीएस किये ही प्रैक्टिस करने एवं मरीजों का इलाज करने की अनुमति मिल जायेगी. जो किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है. इसलिए इस विधेयक का विरोध हर स्तर पर किया जाना चाहिए. बैठक में डॉ आरपी सिन्हा, डॉ एमपी सिंह, डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव, डॉ जयकुमार, डॉ सीके मिंज, डॉ गौरव अग्रवाल, डॉ आशीष कुमार, डॉ रोशन कुमार सिन्हा आदि मौजूद थे.
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