पाकुड़ नगर. प्रोजेक्ट एसआइपी के तहत डायन बिसाही, नशा मुक्ति, साइबर फ्रॉड, बाल विवाह, डिजिटल अरेस्टिंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसी घटनाओं की रोकथाम पर जागरुकता सह कार्यशाला का आयोजन सूचना भवन के सभागार में किया गया. कार्यशाला का शुभारंभ उपायुक्त मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल, जिला पंचायत राज पदाधिकारी प्रीतिलता मुर्मू, विशेष कार्य पदाधिकारी त्रिभुवन कुमार सिंह और जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बसंती ग्लाडिस बाड़ा ने संयुक्त रूप से किया. उपायुक्त ने कहा कि आज के समय में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बचाव के लिए सतर्क रहना आवश्यक है. कहा कि इंटरनेट हमारी जीवनशैली का अभिन्न अंग बन चुका है, लेकिन इसके सुरक्षित उपयोग को लेकर सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. एसपी ने डिजिटल धोखाधड़ी, वित्तीय फ्रॉड, सोशल मीडिया सुरक्षा और मोबाइल सुरक्षा के उपायों की जानकारी दी. कहा कि अनजान कॉल्स से सावधान रहें और वित्तीय जानकारी किसी के साथ साझा न करें.
बाल विवाह पर रोक के लिए जागरुकता जरूरी
डीडीसी महेश कुमार संथालिया ने डायन प्रथा, साइबर फ्रॉड और बाल विवाह के बारे में जागरुकता बढ़ाने पर जोर दिया. कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा है, जो बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और समग्र विकास में बाधा डालती है. सरकार इसे खत्म करने के लिए सख्त कदम उठा रही है. उन्होंने नशा मुक्ति पर गांधी जी के विचारों को साझा करते हुए कहा “नशा करने वाले की तीन पीढ़ियां बर्बाद हो जाती हैं.
उत्कृष्ट कार्य करने वालों को मिला सम्मान
कार्यशाला में सामाजिक कल्याण और जागरुकता अभियान में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया. लिट्टीपाड़ा थाना प्रभारी अभिषेक कुमार, विधिक सलाहकार कमला गांगुली, एवरेस्ट मिशन चैरिटेबल ट्रस्ट की सुनीता मरांडी, जन लोक कल्याण परिषद के सरोज झा और एनजीओ फेश की रितु पांडे को उनके सराहनीय कार्यों के लिए प्रशस्ति-पत्र, मोमेंटो और शॉल देकर सम्मानित किया गया.
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