कुड़ू. लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ शनिवार से नहाय-खाय के साथ शुरू होगा. छठव्रती इस अवसर पर कद्दू भात का सेवन करेंगे और सूर्य उपासना के महापर्व में जुटेंगे. प्रखंड के लगभग 22 छठ घाटों में शुक्रवार तक साफ-सफाई का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है. घाटों को सजाने का काम भी शुरू हो गया है. कुड़ू के ऐतिहासिक टिको नदी छठ घाट पर स्थापित शिव मंदिर की रंगाई-पुताई का कार्य भी जारी है और शनिवार तक इसे पूरा कर लिया जायेगा. सलगी, बड़की चांपी, जीमा, लावागाई, टाटी, जिंगी, माराडीह, ककरगढ़, उडुमुड़ू, कोकर, चंदलासो, हेंजला, विश्रामगढ़, ओपा, छोटकी चांपी, जिलिंग, पंडरा, पुराना माराडीह, बारडीह, मकांदू सहित अन्य छठ घाटों की सफाई पूरी हो चुकी है. छठ घाटों में सफाई और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए सीओ संतोष उरांव और थाना प्रभारी मनोज कुमार ने निरीक्षण किया है. प्रशासन और आमजनों के सहयोग से घाटों की सफाई और सजावट का कार्य पूर्ण हुआ है. सोहराय जतरा हमारी सांस्कृतिक व सभ्यता की धरोहर है : नीरू शांति भगत कुड़ू. प्रखंड के विश्रामगढ़ गांव में सोहराय जतरा का आयोजन हुआ, इसमें मुख्य अतिथि के रूप में झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य नीरू शांति भगत शामिल हुईं. जतरा में पहुंचे लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सोहराय जतरा हमारी सांस्कृतिक विरासत है और इसे हंसी-खुशी के साथ मनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस अवसर पर आपसी भाईचारा और मेलजोल का उदाहरण पेश किया जाना चाहिए. सोहराय जतरा का आयोजन पूर्व विधायक स्व. कमल किशोर भगत द्वारा प्रारंभ किया गया था. इस परंपरा में आमजन का सहयोग हमेशा बना रहता है और महिला-पुरुष, बच्चे सभी मिलकर इस उत्सव का आनंद उठाते हैं. जतरा के आयोजन का उद्देश्य यह है कि सभी लोग इस सांस्कृतिक अवसर पर इकट्ठा हों और आपसी प्रेम और सद्भावना को बढ़ावा दें. जतरा में रामचंद्र गिरी, कलीम खान, सुशील उरांव सहित अन्य ग्रामीण भी शामिल हुए और उत्सव को सफल बनाने में योगदान दिया.
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