किस्को. प्रखण्ड मुख्यालय में अधिकारी व कर्मी मनमर्जी तरीके से प्रखण्ड व अंचल कार्यालय में आते हैं.प्रखण्ड व अंचल कार्यालय में अधिकारी व कर्मी का दर्शन दुर्लभ होता है.अधिकांश दिनों में मनरेगा विभाग छोड़ लगभग विभाग के कार्यालय में ताला लटका रहता है.जब अधिकारी ही समय पर कार्यालय नहीं पहुंचते तो कर्मचारी अपना मनमर्जी करते हैं.यहाँ तक कि चतुर्थ वर्गीय कर्मी भी महीनों नजर नहीं आते.पेशरार में शनिवार को साप्ताहिक बाजार लगता है.जहाँ बाजार के बहाने प्रखण्ड के दूर दराज सुदूरवर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोग अपनी कार्यो को लेकर मुख्यालय पहुंचते हैं.ऐसे में अधिकारियों के समय से नही पहुंचने व काम नही होने आवश्यक विभागों में ताला लटका होने के कारण निराश वापस लौटना पड़ता है.शनिवार को भी मुख्यालय में 11बजकर 30 मिनट तक मनरेगा व आवास विभाग छोड़ सभी विभागों के कार्यालय में बंद था.यहाँ तक कि बीडीओ व सीओ भी 11 बजकर30 मिनट तक कार्यालय नहीं पहुंचे थे.पेशरार के रूबेद 15-से 20 किलोेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेमीटर दूरी तय कर पहुंचा जुबैर अंसारी नामक व्यक्ति ने बताया कि अधिकारी और कर्मचारियों के कार्यालय नहीं पहुंचने के कारण प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. शनिवार को 11 बजे पहुंचे,लेकिन कोई कर्मचारी नहीं पहुंचे थे.जिस कारण घण्टों तक इंतजार करना पड़ा.वहीन अंचल में गार्ड,अनुसेवक व ऑपरेटर समय से पहुँचे थे.औऱ वही मनरेगा बीपीओ व आवास कोडिनेटर ससमय कार्यालय पहुंचे.साढ़े ग्यारह के बाद सीओ पंकज कुमार कार्यालय पहुंचे उनसे बात करने पर उन्होंने कहाँ कि अपना टाइम से आते हैं,अपना टाइम से जाते हैं.हम अपने हिसाब से काम करेंगे, सभी का काम हो रहा है,औऱ किसी से कोई फर्क नहीं पड़ता.
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