लोहरदगा. लोहरदगा में प्रस्तावित बाईपास सड़क का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. सिर्फ कुछ दूरी तक मिट्टी भराई की गई है और उसके बाद से काम बंद पड़ा हुआ है. बाईपास निर्माण का ठेका रांची की वीकेएस इन्फ्रा कंपनी को दिया गया था. इस कंपनी ने 25 अगस्त 2022 को एनएच रांची के साथ एकरारनामा किया था, जिसके तहत कार्य को दो वर्षों यानी 25 अगस्त 2024 तक पूरा करना था. एकरारनामा के बाद संवेदक ने लंबे समय तक काम शुरू नहीं किया. प्रशासन के दबाव के बाद जब काम की शुरुआत हुई, तब कुछ दूरी तक कार्य हुआ लेकिन फिलहाल फिर से निर्माण रुका हुआ है. जानकारी के अनुसार यही संवेदक कुडू-घाघरा चौड़ीकरण कार्य का जिम्मा भी ले चुका है, लेकिन वह कार्य भी अधूरा ही पड़ा है. लोगों का कहना है कि इतने बड़े काम का जिम्मा एक अक्षम ठेकेदार को देना प्रशासन की भूल है. लोहरदगा में झारखंड के पूर्व वित्तमंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, सांसद सुखदेव भगत और पूर्व राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू का क्षेत्र है. इसके बावजूद बाईपास निर्माण की यह स्थिति चिंता का विषय है. लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस सड़क की कुल लंबाई 19.9 किलोमीटर है. इसमें 10 किलोमीटर फोर लेन तथा 9.9 किलोमीटर सड़क 10 मीटर चौड़ाई वाली होगी. यह बाइपास कुड़ू प्रखंड के हिरही गांव से शुरू होकर अरू गांव तक जायेगा. सड़क निर्माण कुल 17 मौजा से होकर गुजरेगा. इसके बनने से लोहरदगा शहर के भीतर से गुजरने वाली सैकड़ों बाॅक्साइट लदे ट्रक बाहर से निकल सकेंगे. इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयेगी और लोगों की जान-माल की रक्षा होगी. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया लगभग पूरी,बावजूद कार्य ठप लोहरदगा बाइपास कुल 19.9 किलोमीटर लंबी होगी. यह लोहरदगा प्रखंड के बक्सी, बंजारकिस्को, गुड़गांव, हिरही, जोरी, कैमो और नींगनी गांवों से गुजरेगी. वहीं, सेन्हा प्रखंड के अरू, बंसरी, चंदकोपा और सेन्हा गांवों से तथा किस्को प्रखंड के अरेया, बगडू, बेठहट और पतरातू गांवों से होकर यह सड़क निकलेगी. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. इसके बावजूद कार्य ठप होना संवेदक की मंशा पर सवाल खड़े करता है. जनता निर्माण कार्य की प्रगति की मांग कर रही है.
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