लोहरदगा : शहरी क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति बंद रहने से पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. चार-पांच दिनों में एक बार जलापूर्ति की जा रही है. जो शहरवासियों के लिए न काफी साबित हो रहा है.
पानी के लिए परेशान शहरवासी नगर परिषद से पानी की मांग कर रहे हैं. लेकिन नगर परिषद के ओहदेदार पानी की व्यवस्था करने के बजाय लोगों के बीच गाल बजाऊ भाषण देकर समस्या से कन्नी काट रहे हैं. गंभीर समस्या के प्रति नेता भी उदासीन बने हुए है़ं ऐसे में लोगों के समक्ष वैकल्पिक व्यवस्था करने के अलावा कोई उपाय नहीं रह गया है.
किसी तरह लोग अपनी जरूरत के पानी की जुगाड़ में लगे रह रहे हैं. नगर परिषद द्वारा जल कर के नाम पर यहां के लोगों से टैक्स वसूला जाता है लेकिन सुविधा देने के नाम पर सभी एक-दूसरे पर दोषारोपण करते हुए अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. आम जनता की समस्या को दर किनार किया जा रहा है. शहरी जलापूर्ति के नाम पर शहरवासियों को टैंकर के माध्यम से पानी आपूर्ति की जा रही है. नगर परिषद के पास दो ट्रैक्टर इंजन और 19 वाटर टैंकर है जो लोगों को सुविधा देने में नाकाम साबित हो रहा है.
22 वार्डों में यह सुविधा लोगों को पानी देने के लिए पर्याप्त नहीं है. समस्या विकराल है बावजूद इसके जलापूर्ति की पहल काफी धीमी है. कई वार्ड क्षेत्रों में चार-पांच दिनों से जलापूर्ति नहीं हो सकी है. शहरी क्षेत्र में 26 सौ जलापूर्ति के वैद्य कनेक्शन हैं. जबकि पांच हजार से ज्यादा अवैध कनेक्शनधारी भी हैं. शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन साढ़े पांच लाख गैलन पानी की आवश्यकता है जो सीमित टैंकर से संभव नहीं है. 70 हजार अबादी के लिए यह व्यवस्था न के बराबर है.