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दुर्भाग्य: लोहरदगा में विकास योजनाओं का हाल बेहाल, अभियंता और संवेदक कर रहे जनता की कमाई की बंदरबांट
लोहरदगा: जिले में विकास योजनाओं का हाल बेहाल है. अधिकारी विकास कार्यों पर नजर नहीं रखते है, जिससे निर्माण एजेंसियां लूट मचा रही है. इसका ताजा उदाहरण लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड का है. यहां पर तीन करोड़, 28 लाख रुपये की लागत से सेमरा से बेदाल तक सड़क का निर्माण आरइओ की देख-रेख में […]
लोहरदगा: जिले में विकास योजनाओं का हाल बेहाल है. अधिकारी विकास कार्यों पर नजर नहीं रखते है, जिससे निर्माण एजेंसियां लूट मचा रही है. इसका ताजा उदाहरण लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड का है. यहां पर तीन करोड़, 28 लाख रुपये की लागत से सेमरा से बेदाल तक सड़क का निर्माण आरइओ की देख-रेख में हो रहा है. सड़क निर्माण इतना घटिया स्तर का हो रहा है कि मात्र दो महीने में ही सड़क बेकार हो गयी है.
सवाल है कि बड़ी लागत से बन रही सड़क निर्माण कार्य को आरइओ के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता व कनीय अभियंता ने भी अब तक नहीं देखा है. इतनी बड़ी राशि से निर्माण हो रहा है और आरइओ के कार्यपालक अभियंता रांची में मार्केटिंग कर रहे है. उन्हें जिले में आरइओ के माध्यम से हो रहे निर्माण कार्यों से कोई लेना-देना नहीं है. उनका सिर्फ संवेदक से संपर्क बेहतर होता है और उन्हीं के इशारे पर सारा खेल संवेदक द्वारा खेला जा रहा है. लोहरदगा जिले में आरइओ के तहत जितनी भी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, इसमें तमाम योजनाओं में गड़बड़ी की बातें सामने आ रही है. लेकिन आरइओ के लोगों द्वारा सारा कुछ संवेदक के साथ मिल कर मैनेज कर लिया जा रहा है. व्यक्तिगत लाभ के आगे तमाम गुणवत्ता व नियम कानूनों को ताक पर रख दिया जा रहा है. जनता की गाढ़ी कमाई को सभी मिल कर लूट रहे है. इस मामले में बात करने के लिए विभाग के कार्यपालक अभियंता से संपर्क किया गया, तो उनका मोबाइल बंद मिला और वे कार्यालय में भी अनुपस्थित थे.
ग्रामीणों ने कहा, आखिर फरियाद करें, भी तो कहां करें
भंडरा प्रखंड के ग्रामीणों का कहना है कि लंबे इंतजार के बाद यह सड़क बन रही है. इतनी बड़ी राशि खर्च की जा रही है, इसके बावजूद तकनीकी अधिकारी कभी इधर देखने नहीं आये. ठेकेदार के साथ कभी इधर से गुजरे भी, तो इस ओर ध्यान नहीं दिये. भंडरा में बीडीओ, सीओ, जिला परिषद अध्यक्ष समेत बड़ी संख्या में जन प्रतिनिधि कहे जाने वाले लोग है. लेकिन घटिया निर्माण को लेकर कभी भी किसी ने चर्चा नहीं की, सभी अपने रंग में रंगे हैं. विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक प्रत्येक माह होती है, लेकिन उसमें कभी विकास योजनाओं की गुणवत्ता पर चर्चा नहीं की जाती है. अधिकारी रांची में रहते है और कभी कभार लोहरदगा आते है. ऐसी स्थिति में उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है. यह अंदाजा सहज लगाया जा सकता है. ग्रामीणों का कहना है कि आखिर फरियाद करें, तो कहां करें. जब विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से गड़बड़ी की जा रही है, तो उसमें सुधार कैसे होगा.
विधायक सुखदेव भगत ने कहा, इस मामले को लेकर सीएम से शीघ्र मिलूंगा
विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि सड़क निर्माण में गड़बड़ी की सूचना हमें मिली है. आरइओ विभाग के अधिकारियों को कार्यस्थल पर जाकर कार्य की निगरानी करनी चाहिए. जनता की कमाई को इस तरह बर्बाद करने की छूट किसी को नहीं दी जायेगी. मैं इस मामले को लेकर शीघ्र मुख्यमंत्री से मिलूंगा.
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