लातेहार ़ झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में सोमवार को झारखंड आंदोलनकारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला संयोजक विश्वनाथ प्रसाद ने की. इसके पहले धरना कार्यक्रम का शुभारंभ माको डाक बंगला परिसर से पूर्व मंत्री बैद्यनाथ राम ने फीता काट कर किया. इसके बाद सभी आंदोलनकारी माको डाक बंगला से पैदल मार्च करते हुए समाहरणालय पहुंचे. यहां धरना सभा में तब्दील हो गया. मुख्य अतिथि पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के निर्माण में आंदोलनकारियों का ऐतिहासिक और निर्णायक योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों ने अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय संघर्ष में लगाया, कई ने जेल यात्राएं कीं और कठिनाइयों का सामना किया. इसके बाद भी उनकी मांगें लंबित हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य का निर्माण आंदोलनकारियों के बलिदान से हुआ है. सरकार को चाहिए कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करे और उन्हें उनका हक दे. दक्षिणी छोटा नागपुर प्रमंडल की अध्यक्ष रोजलीन तिर्की ने कहा कि झारखंड आंदोलन केवल राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान की लड़ाई थी. आंदोलनकारियों को आज भी सम्मान और अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. सुदेश महतो ने बढ़ाया हौसला : इस दौरान आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो पलामू से लौटने के क्रम में धरना स्थल पर पहुंचे और आंदोलनकारियों की मांगों का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के संघर्ष को कभी भुलाया नहीं जा सकता और उनकी मांगें पूरी होना राज्य के सम्मान से जुड़ा विषय है. उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों ने राज्य के लिए जो संघर्ष किया है, उसका सम्मान होना चाहिए. मौके पर अनिल मनोहर, राजीव उरांव, दाऊद केरकेट्टा, बाल किशुन उरांव, शंखनाथ सिंह, प्रदीप सिन्हा, धर्मेंद्र कुमार, राजीव कुमार, रामनाथ गंझू, सुकर गंझू, सुलचनी कुंवर, बलराम उरांव, चंद्रधन सिंह, वीरेंद्र महतो समेत काफी संख्या में आंदोलनकारी उपस्थित थे. धरना के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित एक मांग पत्र उपायुक्त को सौंपा गया.
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