संतोष, बेतला
अभियानों पर महुआ सीजन ने लगाया विराम
सरकार द्वारा विद्यालयों में नामांकन और उपस्थिति बढ़ाने के लिए विभिन्न अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन महुआ सीजन इन प्रयासों को प्रभावित कर रहा है. प्रखंड के कई सरकारी विद्यालयों में दो से तीन दर्जन विद्यार्थी प्रतिदिन अनुपस्थित पाये जा रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि वे बच्चों को विद्यालय लाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पारिवारिक जरूरतें और महुआ के मौसम में कमाई का अवसर बच्चों को स्कूल से दूर कर देता है.कमाई का साधन बना महुआ, पढ़ाई से पहले रोज़गार
महुआ इस क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक संसाधन है. गांवों में कई परिवारों के पास एक दर्जन से अधिक महुआ के पेड़ हैं. महुआ अधिकतर तड़के सुबह गिरता है, ऐसे में लोग अपने बच्चों को भी साथ लेकर जाते हैं, ताकि अधिक मात्रा में संग्रहण हो सके. महुआ बीनने के बाद उसे सुखाकर स्थानीय बाजार में बेचा जाता है. इसकी मांग अधिक होने के कारण ग्रामीण इसे प्राथमिकता देते हैं. इस कार्य में अधिकतर महिलाएं और किशोरियां शामिल रहती हैं, जिससे विद्यालयों में लड़कियों की उपस्थिति पर भी असर पड़ता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है