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महिला समूहों की बकाया राशि नहीं दे रही सरकार

आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर शासन प्रशासन महिलाओं के सशक्तिकरण व अधिकारों को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करेगा, पर दुखद पहलू यह है कि पिछले चार वर्ष से यही शासन प्रशासन जिले की महिला समूहों का करीब एक करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रहा है़

कोडरमा/डोमचांच. आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर शासन प्रशासन महिलाओं के सशक्तिकरण व अधिकारों को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करेगा, पर दुखद पहलू यह है कि पिछले चार वर्ष से यही शासन प्रशासन जिले की महिला समूहों का करीब एक करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रहा है़ समूह की महिलाओं ने ऊपरी आदेश पर 2021 में आंगनबाड़ी केंद्रों में टेक होम राशन (टीएचआर) का वितरण किया था, पर उसका भुगतान आज तक इन महिला समूह के बैंक खातों में नहीं हुआ है़ महिलाओं ने किसी दुकान से तो किसी ने कहीं ओर से टीएचआर की खरीदारी कर आंगनबाड़ी केंद्र में इसे उपलब्ध कराया था, पर भुगतान नहीं होने की वजह से आज उन पर कर्ज हो गया है़ कुछ जगहों पर तो दुकानदार व महाजन समूह की महिलाओं पर अब दबाव बनाने लगे हैं. बकाया पैसा नहीं मिलने से महिलाएं परेशान हैं. परेशान महिलाओं ने अब आवाज उठायी है़ साथ ही सिस्टम की चुप्पी पर सवाल उठाया है़ बकाया राशि का भुगतान इतने वर्ष बाद भी क्यों नहीं हुआ है इसको लेकर प्रशासनिक महकमे में सिवाय चुप्पी के कुछ नहीं है़ अधिकारी स्पष्ट कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं. जानकारी के अनुसार 2019 में सरकार के आदेश पर आंगनबाड़ी केंद्रों में अध्ययनरत बच्चों, गर्भवती धातृ महिलाओं को पौष्टिक आहार मिले इसके लिए चावल के साथ ही टीएचआर के तहत गुड़, बादाम, चना, आलू व दाल दिया जाना था़ टीएचआर का वितरण करने की जिम्मेवारी उस समय झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के तहत संचालित महिला आजीविका सखी मंडल को दी गयी थी. सितंबर 2019 से टीएचआर का वितरण हुआ और इसका भुगतान भी होता गया, पर जून 2021 में वितरित किये गये टीएचआर का भुगतान नहीं हुआ और अगले ही माह सरकार ने महिला समूह के माध्यम से टीएचआर वितरण पर रोक लगा दी़ करीब एक वर्ष तक भुगतान नहीं होने पर उस समय जिला समाज कल्याण पदाधिकारी व डीपीएम जेएसएलपीएस द्वारा निदेशक समाज कल्याण, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग झारखंड को कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला़ समय के साथ पदाधिकारी बदलते गये, पर महिला समूहों को राशि के भुगतान को लेकर वही स्थिति बनी रही़ करीब चार वर्ष से महिलाएं राशि भुगतान को लेकर परेशान हैं.

जिले में संचालित हैं करीब 700 आंगनबाड़ी केंद्र

जानकारी के अनुसार कोडरमा जिले में करीब 700 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. इन सभी में टीएचआर की सप्लाई की गयी थी़ एक आंगनबाड़ी केंद्र पर करीब 15 हजार रुपये के सामान का वितरण किया गया था़ इस हिसाब से करीब एक करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि महिला समूहों का टीएचआर के वितरण में फंसा हुआ है़

परेशान महिलाओं ने दी जानकारी

डोमचांच में महिला मंडल की सदस्य सरिता कुमारी ने बताया कि सभी आंगनबाड़ी केंद्र में पोषाहार के लिए जो राशन दिए हैं उसका पैसा आज तक नहीं मिला है. हमलोग कर्ज करके राशन लिए थे़ हम लोगों को ब्लॉक व जेएसपीएसएल के द्वारा बोला गया था कि एक महीना का पैसा बकाया है, पर आज तक भुगतान नहीं हुआ है़ सरिता ने बताया कि मेरा एक पंचायत में पांच आंगनबाड़ी केंद्र है. जिसमें सप्लाई किए सामग्री का 85 हजार रुपये बकाया है. वहीं विनिता कुमारी ने बताया कि आंगनबाड़ी में पीएच नाम से गर्भवती,धात्री व कुपोषित बच्चों के बीच पोषाहार बांटते थे. हमलोगों को जिला से पत्र आया था. एक महीना में 80 से 90 हजार रुपये खर्च आता था. शुरुआत में पैसे का भुगतान हुआ, पर जून 2021 का आज तक नहीं हुआ है़ कर्ज करके पैसा लिए हैं. हमलोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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