कोडरमा बाजार. राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बनाने के उद्देश्य से सोमवार को सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार की अध्यक्षता में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. इसमें उच्च और प्लस टू उच्च विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और शिक्षक शामिल हुए. सिविल सर्जन ने कहा कि तंबाकू या इससे बने त्पाद का सेवन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए घातक है. सामाजिक दृष्टिकोण से भी चिंताजनक है. नशे से किशोरावस्था को बचाने की जिम्मेवारी हम सभी की है. स्वास्थ्य विभाग से साथ स्कूलों को भी बच्चों को जागरूक करने की जरूरत है. डॉ नीलमणि ने तंबाकू से होनेवाले विभिन्न रोगों की जानकारी दी. कहा कि नशे के लत से छुटकारा के लिए सदर अस्पताल में संचालित मनोवैज्ञानिक परामर्श केंद्र का भी सहयोग लिया जा सकता है. जिला परामर्शी दीपेश कुमार ने कहा कि शिक्षण संस्थानों को तंबाकू से मुक्त बनाने को लेकर स्कूल-कॉलेजों में कार्यक्रम आयोजित कर छात्रों को जागरूक किया जा रहा है. साथ ही कोटपा एक्ट-2003 और कोटपा झारखंड संशोधन अधिनियम-2021 के तहत छापामारी अभियान चलाकर उत्पादों को बेचनेवाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. अधिनियम के तहत शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर दायरे में तंबाकू की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध है. किसी स्कूल के नजदीक ऐसे उत्पाद बेचे जाते हैं, तो तत्काल इसकी सूचना दें. सीएस के नेतृत्व में सभी शिक्षकों और कर्मियों को तंबाकू से दूर रहने की शपथ दिलायी गयी. मौके पर सुमन कुमार, विजय यादव, रामचंद्र पंडित, जितेंद्र पांडेय, इंद्रदेव कुमार राम, सुशील राम, कुणाल कुमार आदि मौजूद थे.
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