कोडरमा. जिले में डेंगू व मलेरिया जैसे रोग की रोकथाम को लेकर विभिन्न स्तर से प्रयास चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग व नगर प्रशासन की टीम अलग-अलग तरीके से इसकी रोकथाम को लेकर कार्य करने का दावा कर रही है. खासकर शहरी इलाकों में डेंगू का लार्वा नहीं पनपे, इसे लेकर सर्विलांस का कार्य चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से किये जा रहे सर्विलांस कार्य के दौरान 96 घरों में डेंगू का लार्वा मिला है. हालांकि इसे टीम ने तत्काल नष्ट कर दिया है. विभाग का दावा है कि अब तक हुई जांच में एक भी व्यक्ति के डेंगू से पीड़ित होने की पुष्टि नहीं हुई है. वहीं मलेरिया के मामले भी पिछले वर्ष की तुलना में काम सामने आये हैं. जिला वीबीडी पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार ने सोमवार को बताया कि गत सात माह में मलेरिया विभाग की ओर से 72441 मरीजों के रक्त पट्ट की जांच की गयी. इसमें अब तक 23 लोग मलेरिया से संक्रमित पाये गये. इनका उपचार किया जा चुका है. वर्ष 2024 की तुलना में इस वर्ष मलेरिया के केस में संक्रामक मरीजों की संख्या में कमी देखने को मिली है. वहीं जुलाई माह में 7540 मरीज के रक्त पट्ट व आरडीके के माध्यम से जांच में चार मरीज मलेरिया से संक्रमित पाये गये. उनका उपचार किया जा चुका है. इस वर्ष मॉनसून में आये बदलाव को देखते हुए जिले के विभिन्न शहरी इलाकों में डेंगू सर्विलांस का कार्य कराया जा रहा है. झुमरीतिलैया नगर परिषद व नगर पंचायत कोडरमा के माध्यम से साफ-सफाई और मुहल्ले में फॉगिंग कार्य को लेकर त्वरित प्रतिक्रिया करने के लिए परामर्श किया गया है. वर्तमान में मलेरिया विभाग की ओर से करीब 1193 घरों की जांच की गयी. इसमें 96 घरों में डेंगू के लार्वा पाये गये. डॉ मनोज ने बताया कि सर्विलांस टीम ने 9910 जल पात्रों की जांच की, जिसमें 104 में डेंगू के लार्वा मिले हैं. टीम की ओर से लार्वानाशी का छिड़काव कर इसे नष्ट कर दिया गया. वहीं 72 संदिग्ध डेंगू के मरीजों के मिलने के उपरांत लिये गये रक्त नमूनों की जांच उपरांत निगेटिव परिणाम मिले हैं. वर्तमान में डेंगू का कोई मरीज नहीं है. बावजूद एहतियात के तौर पर डेंगू सर्विलांस टीम द्वारा लगातार लोगों के घरों के अंदर और बाहर जल जमाव से होने वाले खतरों से अवगत कराते हुए जागरूक किया जा रहा है. वेक्टर जनित रोगों से संक्रमित मरीजों का डाटा शेयर करना जरूरी डॉ मनोज ने बताया कि झारखंड में मलेरिया अधिसूचित बीमारी होने के कारण प्राइवेट नर्सिंग होम एवं लैब को वेक्टर जनित रोगों से संक्रमित मरीजों का डाटा शेयर करना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर जुर्माना या कानूनी कार्रवाई हो सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि मानसून में बदलाव के कारण वेक्टर जनित रोगों पर निगरानी एवं नियंत्रण की सख्त जरूरत पड़ती है जिससे प्रकोप की प्रारंभिक चेतावनी, आउट ब्रेक आदि को रोका जा सके एवं संसाधनों का प्रयोग एवं वैश्विक सहयोग के तहत निगरानी एवं निदान किया जा सके. मलेरिया एवं अन्य रोगों से बचाव के उपाय डॉ मनोज के अनुसार मलेरिया एवं अन्य रोगों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें, खिड़की, दरवाजों पर जाली लगायें. त्वचा और खुले अंगों को ढकने एवं शरीर पर पूरा कपड़े पहनें. मलेरिया के कुछ लक्षण हैं, जैसे कई दिनों से बुखार, सिर दर्द, ठंड के साथ बुखार आना, रात में पसीना आना, बुखार के साथ उल्टी आदि. अगर ये लक्षण दिखे तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में मलेरिया जांच करायें. यह पूरी तरह मुफ्त है.
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