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बरखास्त हो सकते हैं शिक्षक
शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी के मामले में कार्मिक विभाग से मांगा गया मार्गदर्शन कोडरमा : जिले में शिक्षक नियुक्ति में बरती गई अनियमितता के मामले में शुरुआत में कुछ कार्रवाई तो हुई, पर कुछ अभ्यार्थियों से संबंधित मामले पर ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है. अब ऐसे अभ्यार्थियों पर ठोस कार्रवाई का खतरा मंडरा […]
शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी के मामले में कार्मिक विभाग से मांगा गया मार्गदर्शन
कोडरमा : जिले में शिक्षक नियुक्ति में बरती गई अनियमितता के मामले में शुरुआत में कुछ कार्रवाई तो हुई, पर कुछ अभ्यार्थियों से संबंधित मामले पर ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है. अब ऐसे अभ्यार्थियों पर ठोस कार्रवाई का खतरा मंडरा रहा है. इस संबंध में कार्मिक विभाग से मंतव्य मांगा गया है.
यदि 15 दिन के अंदर मार्गदर्शन नहीं मिला तो इनके विरुद्ध बर्खास्तगी की कार्रवाई होगी. जानकारी के अनुसार पूर्व में जांच समिति ने जिन 27 शिक्षकों की नियुक्ति को संदिग्ध मानते हुए डीसी को रिपोर्ट दी थी उसमें समय-समय पर सामने आई बातों के बाद कार्रवाई होती गई. लेकिन सात अभ्यार्थी ऐसे थे जिनका आवासीय व अन्य प्रमाणपत्र के अलावा आरक्षण का लाभ देने के मामले को लेकर स्थिति व नियम स्पष्ट नहीं था. इस कारण जांच समिति ने इन सात अभ्यर्थियों के मामले को लेकर कार्मिक विभाग से मंतव्य के लिए भेज दिया था. पिछले आठ माह में दो बार डीसी स्तर से मंतव्य मांगे जाने के बावजूद कार्मिक विभाग से कोई जवाब नहीं आया. अब गुरुवार को एक बार फिर प्रशासन ने इन सात अभ्यर्थियों के संबंध में कार्मिक विभाग से मंतव्य को लेकर पत्र लिखा है.
इसके बावजूद अगर 15 दिन के अंदर कार्मिक विभाग का कोई मार्गदर्शन नहीं आता है तो इन सातों को बर्खास्त करने की कार्रवाई होगी. डीसी संजीव कुमार बेसरा ने बताया कि इससे पहले भी कार्मिक को मंतव्य के लिए लिखा गया था. एक बार फिर पत्र लिखा गया है. अगर 15 दिन के अंदर जवाब नहीं मिलता है तो ऐसे अभ्यर्थियों को बर्खास्त किया जाएगा. ज्ञात हो कि जिले में कक्षा एक से पांच व कक्षा छह से आठ तक के लिए वर्ष 2016 के शुरुआत में 455 सीटों के विरुद्ध आठ काउंसलिंग में कुल 179 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था.
इसमें कक्षा एक से पांच तक में 113 व कक्षा छह से आठ तक में 63 अभ्यर्थी शामिल थे. इनमें से 176 को शिक्षा विभाग ने विभिन्न स्कूलों में पदस्थापित किया था. बाद में गड़बड़ी सामने आने पर 15 अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद्द की गई. हालांकि, सात शिक्षकों के मामले में मंतव्य का जवाब नहीं आने पर कार्रवाई नहीं हो पायी है. इन शिक्षकों को अभी शिक्षा विभाग से वेतन का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है.
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