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केडीएच कांटा में हो रहा ओवरवेट

खलारी : एनके एरिया के केडीएच कांटा घर से रेलवे रैक का वजन ओवरवेट होने का मामला प्रकाश में आ रहा है. केडीएच साइडिंग से रोशनी मिनरल्स, कर्रा, डीएमजीएस, टांडा, एसएसपीएल, रोसा, रोजा, केएनजेड, पीटीपीएस सहित अन्य ताप विद्युत संयत्र व दूसरे उद्योगों को कोयला भेजा जाता है. रोशनी मिनरल्स के प्रतिनिधि एम अंसारी ने […]

खलारी : एनके एरिया के केडीएच कांटा घर से रेलवे रैक का वजन ओवरवेट होने का मामला प्रकाश में आ रहा है. केडीएच साइडिंग से रोशनी मिनरल्स, कर्रा, डीएमजीएस, टांडा, एसएसपीएल, रोसा, रोजा, केएनजेड, पीटीपीएस सहित अन्य ताप विद्युत संयत्र व दूसरे उद्योगों को कोयला भेजा जाता है.

रोशनी मिनरल्स के प्रतिनिधि एम अंसारी ने बताया कि केडीएच कांटा घर से वजन किया गया कोयला गंतव्य पर पहुंच कर 200 टन कम हो जा रहा है. बताया कि सोमवार को केडी कांटा घर में रोशनी मिनरल्स ओड़िशा के रैक का वजन 5393 टन आया. जबकि उसी रैक को क्रॉस चेक करने के लिए डकरा कांटा घर में तौलने पर 5190 टन आया.

वहीं रोसा पावर के प्रतिनिधि सोनू कुमार ने बताया कि इस क्षेत्र से प्रतिमाह लगभग 30 से 40 रैक कोयला जाता है. केडीएच कांटा घर से वजन किये जाने वाले रैक गंतव्य पर पहुंच कर 200-200 टन कम हो जा रहे हैं. इससे कोयला खरीदनेवाली कंपनियों को दोहरा नुकसान हो रहा है. एक तो अधिक कोयला की कीमत चुकानी पड़ रही है, वहीं रेलवे को भी अधिक वजन का भाड़ा देना पड़ रहा है. कंपनियों को प्रति रैक 15 से 20 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है. कंपनियों का कहना है कि सीसीएल संबंधित कांटा घर को नहीं सुधारा तो कोयला खरीदने के लिए पुनर्विचार करना होगा.

कंपनियों का प्रतिनिधिमंडल कोयला मंत्रालय में अपनी बात रखेगा. इस संबंध में एनके एरिया के कांटा अधिकारी एसके चटर्जी ने कंपनियों द्वारा केडीएच कांटा घर द्वारा ओवरवेट के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि कांटा घर बिल्कुल ठीक है. कहा कि राज्य सरकार के मापतौल विभाग ने भी कांटा को सही बताया है.

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