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खूंटी गैंग रेप कांड : स्कूल में लटक रहा ताला, दोषियों को खोज रहे ग्रामीण, हर तरफ खौफ का मंजर

डरे-सहमे हैं कोचांग-बुरूडीह के लोग, हर तरफ आशंका और खौफ का मंजर सोमवार को भी बुरूडीह गांव पहुंची प्रभात खबर की टीम कोचांग से लौट कर आनंद मोहन, विवेक चंद्र खूंटी के कोचांग का बुरूडीह गांव. यहां पहाड़ पर है स्कॉट मैन मिडिल स्कूल. यह वही स्कूल है, जहां से पिछले दिनों पांच युवतियों को […]

डरे-सहमे हैं कोचांग-बुरूडीह के लोग, हर तरफ आशंका और खौफ का मंजर
सोमवार को भी बुरूडीह गांव पहुंची प्रभात खबर की टीम
कोचांग से लौट कर आनंद मोहन, विवेक चंद्र
खूंटी के कोचांग का बुरूडीह गांव. यहां पहाड़ पर है स्कॉट मैन मिडिल स्कूल. यह वही स्कूल है, जहां से पिछले दिनों पांच युवतियों को अगवा कर गैंगरेप की घटना हुई थी.
दोपहर के दो बज रहे थे. स्कूल का हर कमरा बंद. कहीं कोई चहलकदमी नहीं. सामने था बड़ा चर्च़ चर्च के गेट पर भी अंदर से ताला लटक रहा है. आवाज देने के बाद भी कोई सुननेवाला नही़ं चर्च के बगल पहाड़ की ढलान पर स्कूल का छात्रावास है. यहां स्कूल की लड़कियां रहती है़ं छात्रावास का भी मुख्य द्वार बंद है. डरी-सहमी लड़कियां अंदर से ही झांक रही थीं. कोई सामने आने के लिए तैयार नही़ं इस स्कूल में आठ सौ से अधिक बच्चे पढ़ते हैं. इसमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं.
स्कूल और अासपास एक भी बच्चा नहीं दिखा. कोचांग की गलियां सूनी हैं. हर तरफ खौफ का मंजर. गांव में इक्के-दुक्के युवक ही दिख रहे हैं. खेत-खलिहान में महिलाएं अपने काम में जरूर व्यस्त थीं. इधर, सूचना के मुताबिक ग्रामसभा का सर्च अभियान चल रहा है. दक्षिणी अड़की ग्राभसभा की टीम बनायी गयी है. इसमें कोचांग, कुरुंगा सहित कई गांव के लोग शामिल हैं. गांव के लोग आराेपियों को खोज रहे हैं. कोचांग और बुरूडीह की बदनामी भी ग्रामीणों को कचोट रही है़
घटना पर कोई जुबान खोलने को तैयार नहीं
गैंगरेप की घटना पर गांव के लोग जुबान खोलने के लिए तैयार नहीं हैं. घटना को लेकर प्रभात खबर की टीम ने लोगों को टटोलना चाहा, लेकिन कोई जुबान खोलने को तैयार नहीं था. कोचांग के पत्थलगड़ी वाली जगह के ठीक सामने एक राशन की दुकान पर तीन युवक जमे थे.
प्रभात खबर की टीम उन युवकों के पास पहुंची. एक युवक से नाम पूछा, तो बातचीत में असमर्थता जतायी. युवक अपना नाम भी बताने के लिए तैयार नहीं थे. एक युवक से पूछा कि स्कूल क्यों नहीं खुल रहा है़ ऐसे में बच्चे कैसे पढ़ेंगे. यहां तो दूर-दूर तक स्कूल नहीं है. युवकों का कहना था कि वे नहीं जानते कि स्कूल क्यों नहीं खोला जा रहा है. घटना को लेकर किसी तरह की जानकारी नहीं है़
दुरूह है स्कूल तक जाने का रास्ता, जंगलों से घिरा है गांव
खूंटी से बुरूडीह लगभग 55 किमी दूर है. प्रभात खबर की टीम बंदगांव के रास्ते कोचांग पहुंची थी. बंदगांव से कोचांग का पूरा रास्ता घनघोर जंगल से होकर गुजरता है. बुरूडीह में चर्च और स्कूल तक पहुंचने का रास्ता और भी दुरुह है.
पथरीले पहाड़ी की संकरी गलियों से होकर गाड़ियां किसी तरह चर्च और स्कूल तक पहुंचती है. जंगल-झाड़ियों के बीच गांव से दूर स्कूल और चर्च है. चर्च और स्कूल में लोग रह रहे हैं, लेकिन बाहर आवाजाही नहीं है़
कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं जाता कोचांग
कोचांग में कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं जाता है. बंदगांव से कोचांग की ओर जाने पर रास्ते में एक प्राथमिक विद्यालय भी है. जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुके उस विद्यालय की कक्षाएं नहीं खुलती हैं. वहां कोई शिक्षक या छात्र नहीं है. बताया गया कि कोचांग समेत आसपास के पूरे इलाके में बच्चों के पढ़ने के लिए केवल मिशनरी स्कूल ही है.
कोचांग में जिला प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं जाता है. बीडीओ, बीएसओ या कोई अन्य अधिकारी वहां कभी नहीं गये. पूछने पर स्थानीय लोग किसी प्रशासनिक अधिकारी के कभी नहीं आने की बात कहते हैं. लोग किसी भी तरह की सरकारी योजना का लाभ मिलने की बात से भी इनकार करते हैं.
भारी सुरक्षा के बीच रखा गया है युवतियों को, रास्ते पर भी पुलिस तैनात
खूंटी के डुगडुगिया स्थित सहयोग विलेज में दुष्कर्म की शिकार युवतियों को भारी सुरक्षा के बीच रखा गया है. सहयोग विलेज को पुलिस कैंप बना दिया गया है. संस्था के परिसर में पुलिस के जवानों को एक कॉटेज दे दिया गया है. जवान वहीं रह रहे हैं. कॉटेज के बाहर एक सशस्त्र हर समय तैनात रहता है. युवतियों को किसी से मिलने की इजाजत नहीं है.
सहयोग विलेज की देखरेख करनेवाले जसविंदर सिंह साफ कहते हैं कि लड़कियों से मिलने के लिए एसपी कार्यालय की अनुमति लेकर आयें. बिना अनुमति उनसे नहीं मिलने दिया जायेगा.सहयोग विलेज जाने के लिए खूंटी से लगभग आठ किमी पहले मोड़ से होकर जाना पड़ता है. मोड़ पर भी पुलिस की एक बस खड़ी कर दी गयी है. पुलिस के दर्जन भर जवान वहां तैनात हैं. सहयोग विलेज की तरफ जानेवालों पर नजर रखी जा रही है. सहयोग विलेज में अंदर जाने की इजाजत मिल जाती है. लेकिन, उसके लिए अपने आने के मकसद से लेकर फोन नंबर तक रजिस्टर में लिखना पड़ता है.
एक एकड़ से अधिक भूमि पर बनाये गये सहयोग विलेज अनाथालय है. उसमें अलग-अलग उम्र के बच्चों के लिए अलग-अलग कॉटेज बनाये गये हैं. उन्हीं कॉटेजों में से एक युवतियों को भी रहने के लिए दिया गया है. विलेज में ही उनके लिए काउंसेलिंग की व्यवस्था की गयी है.
दोषियों को सजा दिलाने के लिए कानूनी सहायता ले रही खूंटी पुलिस
खूंटी : कोचांग गैंग रेप के आरोपियों को कोर्ट से सजा दिलाने के लिए खूंटी पुलिस कानूनी सहायता ले रही है़ इस मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकार भी गंभीर है.
घटना की विस्तृत जानकारी के लिए प्राधिकार द्वारा पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. यह पुलिस की अनुसंधान प्रक्रिया और दुष्कर्म घटना की सारी जानकारी प्राधिकार को सौंप रही है. कोर्ट की सलाह के आधार पर पुलिस साक्ष्य जुटा रही है. डीआइजी एवी होमकर ने कहा है कि इससे आरोपियों को सजा दिलाने में आसानी होगी़

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