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दो साल से बंद पड़ा है बलगम जांच केंद्र टिकेग्राम

स्वास्थ्य विभाग ने नहीं दिया अबतक उपयोगिता प्रमाण पत्र माइक्रोस्कोप मशीन पड़ा है बेकार लैब तकनीशियन भी उपलब्ध नहीं जामताड़ा : स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार भले ही भारी भरकम राशि खर्च कर रही है, लेकिन विभागीय अव्यवस्था की वजह से लोग योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे. इसका एक […]

स्वास्थ्य विभाग ने नहीं दिया अबतक उपयोगिता प्रमाण पत्र

माइक्रोस्कोप मशीन पड़ा है बेकार
लैब तकनीशियन भी उपलब्ध नहीं
जामताड़ा : स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार भले ही भारी भरकम राशि खर्च कर रही है, लेकिन विभागीय अव्यवस्था की वजह से लोग योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे. इसका एक उदाहरण फतेहपुर प्रखंड में संताल सेवा पहाड़िया सेवामंडल टिकेग्राम द्वारा चलाये जा रहे बलगम जांच केंद्र है. कागजों की पेच में फंस कर यह केंद्र अब दम तोड़ता नजर आ रहा है. केंद्र के बने दो साल बीत गये किंतु 2014-15 में दी गयी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र आज तक स्वास्थ्य विभाग नहीं दे सका. फतेहपुर प्रखंड में टीबी मरीजों का बलगम जांच केंद्र वर्ष 2004 से सुचारू रूप से चलाया जा रहा था
. जिसमें काफी संख्या में टीबी मरीज अपना बलगम जांच कराते आ रहे थे. स्वास्थ्य विभाग प्रति वर्ष संथाल पहाड़िया सेवामंडल टिकेग्राम को राशि भी देती थी. वित्तीय वर्ष 2014 में स्वास्थ्य विभाग ने दो किस्त में 1.5 लाख रुपये आवंटित किया था, लेकिन आज तक संस्था द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया. अब हालात यह है कि वर्तमान में संस्था द्वारा बलमग जांच केंद्र बंद होने के कगार पर है. फतेहपुर बलगम जांच केंद्र में लगे माइक्रोस्कोप मशीन भी बेकार पड़ा है. जिससे जांच नहीं किया जाता है. साथ ही लैब टेक्निशियन भी उक्त संस्था के पास मौजूद नहीं है. बलगम जांच केंद्र को चलाने वाले संस्था ने स्वास्थ्य विभाग से दोबारा एमओयू भी नहीं कराया और न ही इस दिशा में पहल के लिए विभाग को आवेदन दिया. विभाग की मानें तो संस्था का एमओयू एक वर्ष का ही होता है, जो दो वर्ष से बंद है. यहां के टीबी मरीजों का बलगम जांच करना विभाग को काफी मुश्किल हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से फतेहपुर के टीबी मरीजों का बलगम का स्लाइड लेकर जामताड़ा सदर अस्पताल लाया जाता है. जहां उस स्लाइड का जांच कर फतेहपुर को रिपोर्ट भेजा जाता है.
टिकेग्राम केंद्र के संरक्षक है देवघर डीसी
बलगम जांच केंद्र टिकेग्राम फतेहपुर के संस्था के सदस्यों के बीच में कुछ आपसी विवाद के कारण केंद्र का बंद होना मुख्य कारण माना जाता है. बताया जाता है बलगम जांच केंद्र टिकेग्राम का संरक्षक देवघर उपायुक्त है. देवघर उपायुक्त द्वारा संस्था की देखरेख के लिए देवघर अपर समाहर्ता को भार दिया गया है. देवघर अपर समाहर्ता ने भी संस्था की देखरेख देवघर सीओ को दिया है. लेकिन संस्था के दोबारा सुचारू संचालन के लिए पहल नहीं की जा रही है.
जिला में सात बलगम जांच केंद्र
जिला में कुल सात बलगम जांच केंद्र हैं. जिसमें जामताड़ा सदर अस्पताल, मिहिजाम, करमाटांड़, नारायणुपर, नाला, कुंडहित केंद्र है. जबकि फतेहपुर में स्वयं सेवी संस्था द्वारा चलाया जाता है. मिहिजाम व नारायणपुर बलगम केंद्र में माइक्रोस्कोप मशीने नहीं है. मिहिजाम व नारायणपुर के स्लाइड भी जामताड़ा सदर अस्पताल लाकर जांच किया जाता है. इसके लिए जिला स्तर से राज्य को कई बार पत्र भेजा गया, लेकिन राज्य में माइक्रोस्कोप मशीनें नहीं रहने की बात कह कर अपनी छुट्टी ले लेते हैं.
कहते हैं सिवल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ मार्शल आइन्द ने कहा कि फतेहपुर के बलगम जांच केद्र दो वर्षों से बंद है. यह केंद्र एक संस्था को दिया गया था. जिसका एमओयू भी समाप्त हो गया है. संस्था के संरक्षक देवघर डीसी है. जामताड़ा डीसी से बात की जायेगी. सभी प्रकार की जानकारी दी जायेगी. अभी वर्तमान में फतेहपुर टीबी मरीजों के स्लाइड को जामताड़ा सदर अस्पताल लाकर जांच किया जा रहा है. साथ ही रिपोर्ट को भेजा जा रहा है.
कहते हैं डीइओ
डाटा इंट्री ऑपरेटर आशीष कुमार चौबे ने कहा कि संथाल पहाड़िया सेवामंडल टिकेग्राम को वर्ष 2014 में ही दो किस्त में 1.5 लाख रुपये दिया गया था, लेकिन आज तक उक्त संस्था द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया.

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