Jamshedpur news.
जिला उपायुक्त कार्यालय सभागार में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक की. इस बैठक में संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, कुपोषण, परिवार नियोजन, ममता वाहन की उपलब्धता समेत गैर-संचारी रोगों की रोकथाम सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में प्रगति व गुणवत्ता की समीक्षा की गयी. वर्ष 2025-26 में जिला में आठ गर्भवतियों की मृत्यु विभिन्न स्वास्थ्य कारणों से हुई है. उपायुक्त ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि एक भी मृत्यु होना प्रशासन की नाकामी है, सभी एमओआइसी जिम्मेदारी लें और कमियों को दूर करें. एमओआइसी नियमित फील्ड विजिट करें और ग्रामीणों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को देखें. सुदूर-दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सुलभता से उपलब्ध हो, इस दिशा में समेकित प्रयास करें. उन्होंने शत-प्रतिशत गर्भवतियों का सुरक्षित एवं संस्थागत प्रसव कराने को कहा, ताकि मातृ-शिशु मृत्यु दर को शून्य किया जा सके. वहीं पूर्ण टीकाकरण में शहरी क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी प्रखंडों में लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि नहीं पायी गयी. इसे लेकर उन्होंने सख्त निर्देश दिये कि सभी एमओआइसी प्रत्येक नवजात को टीका लगाना सुनिश्चित करें. इसके साथ ही बैठक में डेंगू, मलेरिया एवं अन्य मौसमी संक्रामक बीमारियों की रोकथाम और उपचार पर भी विशेष चर्चा की गयी. इसके साथ ही, नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम, राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, टीबी उन्मूलन अभियान और एनीमिया मुक्त भारत अभियान की प्रगति रिपोर्ट पर विस्तृत समीक्षा की गयी. बैठक में सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, एसीएमओ, डॉ रंजीत पांडा, डॉ ए मित्रा, डॉ मृत्युंजय धावड़िया सहित अन्य उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

