जमशेदपुर: करनडीह दिशोम जाहेरथान में सोमवार को पंडित रघुनाथ मुर्मू की जयंती व ओलचिकी लिपि के शताब्दी वर्ष पूरे होने पर झांकी निकाला गया. करनडीह दिशोम जाहेर प्रांगण से गैंताडीह तक झांकी निकाला गया. इसमें जाहेरथान कमेटी समेत बस्तीवासी काफी संख्या में शामिल हुए. इसकी अगुवाई गणेश टुडू, मानसिंह माझी, शंकर हेंब्रम व कुशल हांसदा कर रहे थे. झांकी पुन: करनडीह दिशोम जाहेरथान स्थित प्रेक्षागृह पहुंचने के बाद एक सभा में तब्दील हो गयी. यहां सर्वप्रथम पंडित रघुनाथ मुर्मू की तसवीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया. जाहेरथान कमेटी के अध्यक्ष-सीआर माझी व माझी युवराज टुडू ने सभा को संबोधित किया. सीआर माझी ने कहा कि पंडित रघुनाथ मुर्मू ने ओलचिकी लिपि का अविष्कार कर संताल समाज को एक अलग पहचान दिलायी है. संताल समाज के लोग अपनी मातृभाषा की लिपि ओलचिकी में पठन-पाठन कर बेहतर करियर बना रहे हैं और हर क्षेत्र में काबिज हो रहे हैं. यह समाज के लिए सकारात्मक संकेत है. आने वाले दिनों में संताल समुदाय का स्वर्णिम दिन होगा. इस दौरान युवक-युवतियों को सम्मानित किया गया. युवक-युवतियों ने रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन किया. इस अवसर पर बीरप्रताप मुर्मू, बाबूलाल सोरेन, निशोन टुडू, बुढ़न माझी समेत काफी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए.
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