Jamshedpur news.
गरीबों का निवाला चुराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की टीम लगातार काम कर रही है. टाटानगर के गुड्स शेड से चावल चोरी करने के मामले की जांच कर रही टीम लगातार दबिश बना रही है. करीब आधा दर्जन लोगों को नोटिस दी गयी है, जिसमें उनकी मिलीभगत पायी गयी है. इस तरह के नोटिस के बाद उनसे पूछताछ की जायेगी. अगर पूछताछ में उनकी सहभागिता साबित हुई, तो फिर उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है. एफसीआइ और रेलवे के अलावा दलालों का पूरा सिंडिकेट है, जो लगातार गरीबों के चावल की चोरी करता है. पूरे कोल्हान में ऐसे पूरे सिंडिकेट की तलाश की जा रही है. विपरीत परिस्थितियों में आरपीएफ की टीम काम कर रही है. भारी पैरवी और दबाव के बीच आरपीएफ सही सिंडिकेट तक पहुंचने क कोशिश में लगी हुई है.टाटानगर गुड्स शेड व सोनुवा और लोटापहाड़ स्टेशनों के बीच एक खड़ी मालगाड़ी से हुई है चोरी
गौरतलब है कि कोल्हान में चावल चोरी का दो मामला सामने आया है. पहला मामला तो टाटानगर गुड्स शेड में या जहां चावल चोरों ने रेलकर्मियों की मिलीभगत से चावल की बोरियों की चोरी की. करीब एक साल बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो रेलकर्मियों को जेल भेजा था. बाद में फिर दो लोगों को जेल भेजा गया. इसकी जांच में पाया गया है कि एफसीआइ के 6 लोग इसमें और शामिल हैं, जबकि चार लोग रेलवे के भी शामिल हैं. करीब 10 से अधिक लोग रेलवे के रडार पर हैं. दूसरा केस पश्चिम सिंहभूम में सामने आया था. चक्रधरपुर रेल मंडल के सोनुवा और लोटापहाड़ स्टेशनों के बीच एक खड़ी मालगाड़ी से लाखों रुपये के चावल की चोरी हो गयी थी. अज्ञात चोरों ने मालगाड़ी के तीन डिब्बों का लॉक तोड़कर दर्जनों चावल की बोरियां चुरा लीं थी. इस मामले की भी आरपीएफ ने जांच शुरू की है, जिसके तार भी जमशेदपुर के सिंडिकेट से ही मिले हुए है. चूंकि, टाटानगर स्टेशन पर काफी दबाव हो गया और गिरफ्तारियां होने लगी, तो रास्ते से ही माल को गायब किया जाने लगा. चावल चोरों की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की जा रही है. अधिकारियों का मानना है कि यह किसी संगठित चोर गिरोह का काम है, क्योंकि चोरों ने योजनाबद्ध तरीके से तीन डिब्बों का ताला तोड़ा और बोरियों को रेल लाइन के किनारे गिरा दिया. इसके बाद वे वाहन के जरिए चोरी का माल लेकर फरार हो गये.गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले भी इसी रूट पर चावल, सीमेंट और अन्य सामानों से लदी मालगाड़ियों को इसी तरह निशाना बनाया जाता था. सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी कार्रवाई के बाद ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगा था, लेकिन अब एक बार फिर गिरोह के सक्रिय होने से रेल प्रशासन और सुरक्षा बलों की चिंता बढ़ गयी है.एफसीआइ के इंचार्ज विश्वजीत मुखर्जी व ए शाह की गिरफ्तारी कभी भी
बताया जाता है कि एफसीआइ के इंचार्ज विश्वजीत मुखर्जी व ए शाह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद कभी भी उनको गिरफ्तार किया जा सकता है, जिनकी मिलीभगत चावल चोरी में सामने आयी है. टाटानगर गुड्स शेड से एक वैगन चावल की चोरी हो गयी थी, जिसमें 1400 बोरी चावल थे. इस मामले में पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर में संबधित पार्टी ने मामला दर्ज कराया गया था, जिसमें टाटानगर आरपीएफ ने जांच करते हुए कॉमर्शियल विभाग के दो सुपरवाइजर मुकेश कुमार व सूरज कुमार को आरोपी बनाया था. इसके बाद से दोनों रेलकर्मी घाघीडीह जेल में बंद थे. बुधवार को जमशेदपुर कोर्ट में मामले में सुनवाई हुई, जिसमें रेलकर्मियों की ओर से उनके अधिवक्ता ने जमानत की अपील की थी, जिनको जमानत मिल गयी, लेकिन अब भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

