इपीएस 95 को लेकर टाटा वर्कर्स यूनियन में सेमिनार, बारीकियों से कराया गया अवगत
Jamshedpur News :
टाटा स्टील के सेवानिवृत्त और वर्तमान कर्मियों को हायर पेंशन स्कीम इपीएस 95 का लाभ मिलेगा. करीब 5200 इपीएफओ सदस्य (2700 रिटायर्ड और 2500 वर्तमान कर्मचारी) टाटा स्टील से रजिस्टर्ड हुए. इसको लेकर टाटा स्टील के सेवानिवृत्त और वर्तमान कर्मचारियों की इच्छा के मुताबिक, डिमांड नोट दिया गया है. इपीएफओ ने उनको तय राशि जमा करने को कहा है, जिसके आधार पर सबको हायर पेंशन का लाभ दिया जायेगा. कई कर्मचारी ये समझना चाह रहे थे कि आखिर इतना पैसा वे लोग जमा करेंगे, तो उनको क्या लाभ होगा. उनकी पत्नी या बच्चों को इसका लाभ मिलेगा या नहीं. एरियर की राशि उनको मिलेगा या नहीं, इस तरह के कई सवाल थे. बुधवार को टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु की पहल पर टाटा स्टील के अकाउंट विभाग के लोगों ने पूरी जानकारी कर्मियों को दी. सेमिनार में भारी संख्या में वर्तमान और सेवानिवृत्त कर्मी पहुंचे थे. क्षमता से अधिक माइकल जॉन ऑडिटोरियम में लोग आ गये. सबके सवालों का जवाब अकाउंट के चीफ अवनिश अरुण ने दी. टाटा वर्कर्स यूनियन के डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह ने बताया कि इपीएस 95 का लाभ वैसे लोग ही ले सकते हैं, जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. यहां यह बताया गया कि टाटा स्टील प्रोविडेंट फंड ट्रस्ट को भी इसका लाभ देने की घोषणा की गयी. पहले यह नहीं दी जा रही थी, लेकिन टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु ने टाटा स्टील मैनेजमेंट के साथ इसको केंद्र सरकार और स्थानीय पदाधिकारियों के पास ले गये, जिसका लाभ मिलने की नीति तय की गयी और अब सबको डिमांड नोट भेजा जा रहा है. यहां यह बताया गया कि 11 जुलाई 2023 के पहले जिन लोगों ने अपना आवेदन दे दिया है, उनको ही यह लाभ मिलेगा. एरियर पर किसी तरह का ब्याज नहीं मिलेगा. यहां फार्मूला भी बताया गया, जिसके तहत दो भाग में इस फार्मूला को तय किया गया है. इसके तहत कर्मचारी का जब 58 साल की उम्र होती है, उसका अंतिम जो वेतनमान (बेसिक प्लस डीए) होता है, उसका करीब 30 फीसदी हिस्सा इपीएस 95 के तहत पेंशन बनेगा.इपीएस 95 क्या है?
कर्मचारी पेंशन योजना (इपीएस), जो इपीएफ का एक हिस्सा है, योगदान के आधार पर सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी देती है. इपीएफओ ने समय के साथ इपीएफ योजना के तहत वेतन पर वैधानिक अधिकतम सीमाएं (जैसे, 5,000 रुपये, 6,500 रुपये, 15,000 रुपये) लागू कर दीं. कई कर्मचारियों ने अपनी पेंशन बढ़ाने के लिए इन अधिकतम सीमाओं से परे अपने पूरे वेतन के आधार पर योगदान करने का विकल्प चुना. हर इपीएफओ मेंबर को इपीएस का फायदा नहीं मिलता. अगर कर्मचारी ने सितंबर 2014 के बाद इपीएफ में ज्वाइन किया है और उसकी बेसिक सैलरी 15,000 रुपये प्रति महीना से ज्यादा है, तो इपीएस का लाभ नहीं मिलेगा. ऐसे में कंपनी यानी एम्प्लॉयर का पूरा कंट्रीब्यूशन सीधे इपीएफओ अकाउंट या ट्रस्ट में चला जाता है. यानी नयी नौकरी शुरू करने वाले या हाई सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

