Jamshedpur news.
नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष फार्मेसी संस्थान में गुरुवार को 5वां राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह 2025 का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के प्रिंसिपल प्रो डॉ दिलीप कुमार ब्रह्मा के नेतृत्व में हुआ. इस दौरान मुख्य रूप से विद्यार्थियों में प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया (एडीआर) की रिपोर्टिंग और रोगी सुरक्षा के महत्व को लेकर जागरूक किया गया. इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के कार्यकारी सदस्य धर्मेंद्र सिंह उपस्थित थे. उन्होंने भारत में फार्माकोविजिलेंस के इतिहास, दवा सुरक्षा की आवश्यकता और पीसीआइ द्वारा संचालित जागरूकता कार्यक्रमों की जानकारी साझा की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में अमोद कुमार और ओपी ठाकुर ने दवा लिखने में होने वाली त्रुटियों और गलत खुराक से उत्पन्न समस्याओं पर प्रकाश डाला.कुलपति प्रो डॉ पीके पाणि ने अध्ययन में सामने आने वाले एडीआर और पारंपरिक दवाओं से जुड़े प्रभावों पर चर्चा की. परीक्षा नियंत्रक प्रो मोजिब अशरफ और आइक्यूएसी निदेशक डॉ श्रद्धा वर्मा ने दवा-दवा एवं दवा-खाद्य परस्पर क्रियाओं की पहचान और उच्च जोखिम वाली दवाओं की निगरानी पर अपने विचार रखे. विभागाध्यक्ष मृण्मय घोष ने दवाओं की क्रियाविधि और प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के उपाय बताए. कार्यक्रम की शुरुआत छात्रा विष्णु प्रिया की नृत्य प्रस्तुति से हुई. अंत में डॉ ब्रह्मा ने अतिथियों और छात्रों का आभार जताया. इस अवसर पर फार्मेसी विभाग के 200 विद्यार्थियों के साथ ही विभिन्न विभागों के छात्रों ने हिस्सा लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

