Jamshedpur news.
कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में चल रहे मनोरोग विभाग में आज तक क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं हो सकी है, जबकि अस्पताल के मनोरोग विभाग में प्रतिदिन 30 से 35 मनोरोगी जांच कराने के लिए आते हैं. इसमें आधे से अधिक मरीजों को काउंसिलिंग की जरूरत होती है, लेकिन अस्पताल में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट नहीं होने के कारण सदर अस्पताल भेजा जाता है. वहां तैनात काउंसलर द्वारा काउंसिलिंग कराया जाता है. एमजीएम अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ केशव ने बताया कि किसी भी अस्पताल में चल रहे मनोरोग विभाग में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट (काउंसलर ) का होना जरूरी है. इसे लेकर कई बार विभाग को लिखा गया, लेकिन आज तक विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया. उन्होंने कहा कि काउंसलर द्वारा मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का मूल्यांकन, निदान और उपचार करता है, जिसमें रोगी के सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने के तरीके को प्रभावित करने वाली गंभीर मानसिक स्थितियों को संबोधित करना शामिल है. वे बातचीत चिकित्सा का उपयोग करते हैं, दवाएं नहीं लिखते और मनोवैज्ञानिक संकट को कम करने और मनोवैज्ञानिक कल्याण को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

