Jamshedpur news.
जिले में चल रहे स्वास्थ्य संस्थाओं व मेडिकल जांच केंद्रों की जांच करने के लिए जल्द ही क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की राज्य स्तरीय कमेटी आने वाली है. इसकी जानकारी राज्य स्तरीय टीम के नोडल अधिकारी एवं उप सचिव डॉ वीरेंद्र सिंह ने झारखंड मानवाधिकार संगठन के प्रमुख मनोज मिश्रा को फोन पर दी. इस संबंध में मनोज मिश्रा ने शिकायत करते हुए आरोप लगाया है कि जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में बहुतायत संख्या में मौजूद क्लिनिक, पॉली क्लिनिक, नर्सिंग होम्स, अस्पताल एवं पैथोलैब, क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के निर्धारित मापदंडों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं. इस कारण आम जनता को उचित कीमत में गुणवत्ता पूर्ण इलाज से वंचित होना पड़ रहा है. डॉ वीरेंद्र सिंह ने कहा है कि जल्द ही राज्य स्तरीय टीम पूरे मामले की जांच करेगी और आवश्यकतानुसार कार्यवाही करेगी. उन्होंने बताया कि जिले के सिविल सर्जन को इस दिशा में कार्यवाही करने का अधिकार है.उल्लेखनीय है कि झारखंड में 2013 से एक्ट लागू है. इस एक्ट के कारण सभी स्वास्थ्य संस्थानों को सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइन का अनुपालन करना है. जिसकी देख रेख के लिए डीसी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन भी किया गया है, जिसके संयोजक जिले के सिविल सर्जन होते हैं. एक्ट के नियमों के अनुसार सभी स्वास्थ्य स्वास्थ्य संस्थानों को एक्ट से अपने संस्थान का निबंधन कराना अनिवार्य है. सभी स्वास्थ्य संस्थानों को अपने संस्थान के बाहर रेट चार्ट एवं संस्थान में प्रदत सुविधा की जानकारी जनता के लिए साइन बोर्ड में उपलब्ध कराना अनिवार्य है. इसको लेकर रविवार को झारखंड मानवाधिकार संगठन की बैठक में मनोज मिश्रा, सालावत महतो, एस के बासु , हरदीप सिद्दू, श्याम लाल, रिया बनर्जी, जय प्रकाश, गुरुमुख सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
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