डीएफओ ने शर्तों के साथ राज्य सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट
कई नये कदम उठाने का सुझाव
Jamshedpur News :
पारडीह कालीमंदिर से बालीगुमा के बीच प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के लिए 2.1812 हेक्टेयर वन भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. जिससे 412 बड़े पेड़ों की कटाई आवश्यक होगी. इस क्षेत्र में साल, केंदू, सागवान, अर्जुन, डोका आदि प्रजातियों के पेड़ हैं, साथ ही विभिन्न पौधे, झाड़ियां और तितलियों की प्रजातियां पायी जाती है. यह क्षेत्र दलमा-आसनबनी हाथी कॉरिडोर के मध्य स्थित है, जहां हाथियों की आवाजाही होती है.वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) सबा आलम अंसारी ने राज्य सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि वन भूमि के हस्तांतरण से पहले विस्तृत शमन (मिटिगेशन) योजना और वन्यजीव प्रबंधन योजना बनायी जाये, ताकि पर्यावरणीय प्रभावों को कम किया जा सके. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि यह क्षेत्र 0.2 से 0.8 घनत्व का वन क्षेत्र है, जिसका औसत घनत्व 0.3 है.
20 फरवरी 2025 को हस्ताक्षरित इस रिपोर्ट के आधार पर, अब राज्य सरकार को निर्णय लेना है कि परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए किन शर्तों और उपायों को अपनाया जाए, ताकि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखा जा सके और वन्यजीवों पर न्यूनतम प्रभाव पड़े.बता दें कि बालीगुमा से पारडीह के एलिवेटेड कॉरिडोर को बनाने के लिए 2.1812 हेक्टेयर वन भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. इसको देखते हुए 14 अगस्त 2024 को स्थल का निरीक्षण किया गया था. इस दौरान खुद डीएफओ के साथ दलमा के रेंज ऑफिसर अर्पणा चंद्रा, दिनेश चंद्रा, फॉरेस्ट गार्ड सागर कुमार, एनएचएआइ के साइट इंजीनियर घनश्याम कुमार, एनएचएआइ के अमीन सुवेंदु श्यामल, एचजी इंफ्रा के सीनियर मैनेजर विकास तिवारी, फॉरेस्ट गार्ड हरिप्रसाद अग्रवाल मौजूद थे.
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