पारंपरिक परिधान में शामिल हुए सैकड़ों श्रद्धालु, शाम में लांगड़ें नृत्य का उठाया लुत्फ
Jamshedpur News :
दिशोम जाहेरगाढ़ गोड़गोड़ा बालीगुमा की ओर से रविवार को दिशोम बाहा मिलन समारोह का आयोजन किया गया. इसमें शहर समेत पूर्वी सिंहभूम जिले के विभिन्न जगहों से समाज के लोग बाहा नृत्य में शामिल हुए. सबसे पहले श्रद्धालुओं ने दिशोम जाहेरथान प्रांगण में जाकर मरांगबुरू-जाहेरआयो की चरणों में नतमस्तक हुए और परिवार की उन्नति का आशीष मांगा. नायके बाबा के हाथों से देवी-देवताओं के आशीर्वाद के रूप में सरजोम बाहा ग्रहण किया. वहीं श्रद्धालु बाहा नृत्य में पारंपरिक परिधान में शामिल हुए. आदिवासी खेरवाल रूसिका माडवा सोरबिला, धालभूमगढ़ और संयुक्त वन अधिकार समिति गोड़गोड़ा, बालीगुमा द्वारा मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया. शाम में बाहा नृत्य के बाद लांगड़े नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसके विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में दिशोम जाहेरगाढ़ समिति के अध्यक्ष फतेहचंद टुडू, सचिव मदन मोहन सोरेन, माझी बाबा रमेश मुर्मू, माझी बाबा सोमाय सोरेन, सनातन टुडू, सुखलाल टुडू, राखाल सोरेन, दुर्गा सोरेन, रंजीत सोरेन समेत कई उपस्थित थे.ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित झांकी बनी आकर्षण का केंद्र
बाहा मिलन समारोह में दिशोम जाहेर प्रांगण में संताल समाज की उत्पत्ति, ऐतिहासिक घटनाओं, लुगुबुरु घंटा बाड़ी तथा कापी बुरु में पंडित रघुनाथ मुर्मू द्वारा ओलचिकी के आविष्कार आदि से संबंधित झांकी निकाली गयी. जो आकर्षक का केंद्र रही. अपने समाज व समुदाय के इतिहास को जानने के लिए श्रद्धालु काफी उत्सुक दिखे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

