जमशेदपुर. झारखंड सरकार के सांस्कृतिक कार्य निदेशालय, पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के तत्वावधान में सोमवार को बिष्टुपुर में 21 दिवसीय नाट्य कार्यशाला की शुरुआत हुई. इसका आयोजन नाट्य संस्था पथ के सहयोग से किया जा रहा है. प्रथम दिन नाटकों की भूमिका पर चर्चा हुई. प्रतिभागियों को नाट्यशास्त्र, ग्रीक थियेटर और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से नाटकों का परिचय दिया गया. कहा गया कि हमलोग जितनी बातें पुरानी किताबों और अनुभवी व्यक्ति से सीख सकते हैं, उतनी बातें प्रकृति से भी सीख सकते हैं. हमें प्रकृति की भाषा को समझना है और उसे आत्मसात करना है. नाटकीय ढंग से परचिय सत्र भी हुआ.
कार्यशाला में अभिनय, स्वर और शारीरिक भाषा, संवाद अदायगी, रंगमंचीय संगीत, परिकल्पना, दृश्य संरचना, मंच प्रबंधन, टीमवर्क आदि पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जायेगा. वरिष्ठ रंगकर्मी शिवलाल सागर, मो शमीम, एनएसडी से पासआउट सुमन पूर्ति, जीतराई हांसदा, रामचंद्र मार्डी व अन्य रंगकर्म के विविध विधाओं की जानकारी देंगे. कार्यशाला का मकसद युवाओं को रंगमंच के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना से जोड़ना है.रंगमंच को लेकर अच्छी प्लानिंग हो तो सरकार भी मदद करेगी : अविनेश त्रिपाठी
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि जिला खेल पदाधिकारी अविनेश त्रिपाठी ने कहा कि रंगमंच को लेकर आपके पास कोई अच्छी प्लानिंग है, तो सरकार आपको जरूर सपोर्ट करेगी. प्रखंडों में अखड़ा (कला सीखने की जगह) बन रहा है. शहर को लेकर भी प्लानिंग है.
बिरसा मुंडा पर तैयार होगा नाटक
उद्घाटन सत्र का संचालन पथ के निदेशक मो निजाम ने किया. उन्होंने कहा कि झारखंड नाट्य अकादमी को लेकर प्रस्ताव दिया गया था. इस पर गौर फरमाने की जरूरत है. कार्यशाला में बिरसा मुंडा पर एक नाटक तैयार किया जायेगा. अंत में उसका मंचन होगा. वरिष्ठ रंगकर्मी शिवलाल सागर ने कार्यशाला में भाग ले रहे युवाओं को प्रोत्साहित किया. इस दौरान कला भवन, शनि पर्व, कला केंद्र जैसे शहर के प्रमुख सांस्कृतिक स्थलों की भूमिका पर भी चर्चा हुई. बताया गया कि इन स्थलों के जरिए रंगकर्म को सशक्त किया जा सकता है. मौके पर मो शमीम, गौतम गोप व अन्य मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है