लगातार बारिश से धान की 90 फीसदी खेती पूरी
Jamshedpur News :
जिले में इस बार खरीफ फसल की पैदावार बंपर हुई है. लगातार हुई बारिश का असर खेतों में साफ नजर आ रहा है. कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले में खरीफ फसल का 81.75 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जा चुका है. धान की खेती में तो 90 फीसदी लक्ष्य पूरा हो गया है. सबसे अधिक खेती बहरागोड़ा प्रखंड में हुई है. धान की खेती का लक्ष्य 1.10 लाख हेक्टेयर था, जिसमें 99,046 हेक्टेयर में रोपनी और छिंदा का काम पूरा हुआ. मक्का की 8,670 हेक्टेयर, दलहन की 11,766 हेक्टेयर और तेलहन की 754 हेक्टेयर में खेती हुई है. वहीं, मोटे अनाज का 638 हेक्टेयर में आच्छादन हुआ. कुल मिलाकर 1,47,860 हेक्टेयर लक्ष्य के मुकाबले 1,20,874 हेक्टेयर में खेती पूरी हो चुकी है.रबी फसल की तैयारी शुरू
अब कृषि विभाग की नजर रबी फसल पर है. जिले में करीब 43,000 हेक्टेयर भूमि में रबी की फसल होती है, जिसमें 15500 हेक्टेयर में दलहन और 19040 हेक्टेयर में तेलहन की पैदावार होती है. कृषि विभाग ने बताया कि रबी सीजन के लिए बीज वितरण और कलस्टर पद्धति से खेती को बढ़ावा देने की योजना तैयार है. हर कलस्टर को किसी विशेष फसल की पहचान के रूप में विकसित किया जायेगा.कीट प्रकोप से किसान चिंतित
हालांकि, कई इलाकों में धान की फसल में कीट लगने से किसान परेशान हैं. जादूगोड़ा, मुसाबनी और पटमदा क्षेत्र के किसानों का कहना है कि कीट धान के पौधों को नीचे से चूसकर सूखा रहे हैं. किसान नंदलाल महतो ने बताया कि दवा छिड़काव के बावजूद फसल सूख रही है. किसान विकास कुमार महतो ने कहा कि पहले सब्जी की खेती बारिश से बर्बाद हुई और अब धान में कीट लगने से नुकसान बढ़ गया है. किसानों ने कृषि विभाग से प्रभावित क्षेत्रों में दौरा कर समाधान की मांग की है.जिला कृषि पदाधिकारी बोले- किसानों की मेहनत से बेहतर नतीजे
जिला कृषि पदाधिकारी विवेक बिरुआ ने बताया कि इस बार खरीफ फसल बेहद अच्छी हुई है. उन्होंने कहा कि किसानों की मेहनत और समय पर हुई बारिश की वजह से धान की पैदावार संतोषजनक रही है. अब रबी फसल को लेकर भी विभाग पूरी तैयारी में है. अक्तूबर से दिसंबर तक विशेष अभियान चलेगा.
एक नजर में जिले की खेती
फसल का नाम—–लक्ष्य—-आच्छादन—प्रतिशतधान—110000 हेक्टेयर—-99046 हेक्टेयर—-90.04 फीसदी (छिंदा 26426 हेक्टेयर और रोपनी 72620 हेक्टेयर)मक्का—-11820 हेक्टेयर—-8670 हेक्टेयर—73.35 फीसदीदलहनअरहर—-10000 हेक्टेयर—6316 हेक्टेयर—-63.16 फीसदीउरद—6000 हेक्टेयर—-4200 हेक्टेयर—70.00 फीसदीमूंग—-2500 हेक्टेयर—-1250 हेक्टेयर—50 फीसदीकुल्थी—2000 हेक्टेयर—-000—–0.00 फीसदीअन्य—-1700 हेक्टेयर—-000—0.00 फीसदीकुल—-22200 हेक्टेयर—-11766 हेक्टेयर—53.00 फीसदीतेलहनमूंगफली—995 हेक्टेयर–648 हेक्टेयर—65.13 फीसदीतिल—-405 हेक्टेयर—-106 हेक्टेयर—26.17 फीसदीसोयाबीन—300 हेक्टेयर—-0000—0.00 फीसदीसूर्यमुखी—105 हेक्टेयर–000–0.00 फीसदीसूरगुजा–793 हेक्टेयर—000—0.00 फीसदीअंडी—52 हेक्टेयर—-0000—–0.00 फीसदीकुल —-2650 हेक्टेयर—754 हेक्टेयर—28.45 फीसदीमोटे अनाजज्वार—-150 हेक्टेयर—000—0.00बाजरा—40 हेक्टेयर—000—0.00मड़ुआ—1000 हेक्टेयर–638 हेक्टेयर—63.75 फीसदीकुल—–1190 हेक्टेयर—–638 हेक्टेयर—-53.57 फीसदीकुल खेती —-147860 हेक्टेयर—-120874 हेक्टेयर—-81.75 फीसदीडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

