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बाहरी नेता के नाम पर अध्यक्ष गुट में फूट
जमशेदपुर : अध्यक्ष और महामंत्री के बीच के विवाद से टेल्को वर्कर्स यूनियन की गिरती साख को बचाने के लिए कमेटी मेंबरों द्वारा की गयी पहल का असर दिखने लगा है. अध्यक्ष और महामंत्री अब अपनी साख बचाने के लिए कमेटी मेंबरों का रुख देख फैसला लेने लगे हैं. दोनों के एक दूसरे के करीब […]
जमशेदपुर : अध्यक्ष और महामंत्री के बीच के विवाद से टेल्को वर्कर्स यूनियन की गिरती साख को बचाने के लिए कमेटी मेंबरों द्वारा की गयी पहल का असर दिखने लगा है. अध्यक्ष और महामंत्री अब अपनी साख बचाने के लिए कमेटी मेंबरों का रुख देख फैसला लेने लगे हैं. दोनों के एक दूसरे के करीब आने की बातें भी सामने आ रही है. साथ ही दोनों ही खेमा अब यह मानने लगा है कि यूनियन में बाहरी लोगों का हस्तक्षेप उचित नहीं है. इस सोच को हवा मिलने से यूनियन के अंदर के विवाद का फायदा उठा कर तख्ता पलट करने व पद हासिल करने की बाहरी लोगों की मुहिम थोड़ी कमजोर पड़ गयी है.
एमएन राव गुट को मान्यता मिलने से लगा झटका : 10 जून को टीएमएल ड्राइव लाइन में प्रबंधन द्वारा एमएन राव गुट की यूनियन को मान्यता प्रदान करने के कारण भी मुहिम को झटका लगा है. शनिवार को बाहरी नेताओं की एक बैठक हुई. इसमें हालांकि अध्यक्ष गुट से भी कुछ नेता शामिल हुए.
अध्यक्ष के आवास पर पहुंचे महामंत्री :लंबे समय तक आपसी रिश्तों में तनातनी के बीच शुक्रवार की रात महामंत्री प्रकाश कुमार अपने कुछ सहयोगियों के साथ अध्यक्ष अमलेश के मनीष पार्क स्थित आवास पर गये. हालांकि उचित माहौल नहीं होने से दोनों के बीच बातचीत नहीं हो सकी. लेकिन इसे एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि इस संबंध में यूनियन के नेता कुछ बोलने से इनकार कर रहे हैं लेकिन चरचा है कि इस मुलाकात के बाद अब यूनियन का समीकरण बदल सकता है.
कोई गुट बाहरी हस्तक्षेप के पक्ष में नहीं
पूर्व में महामंत्री प्रकाश कुमार पर आरोप लगता रहा है के वे बाहरी लोगों के दबाव में काम करते हैं और उन्हीं के दिशा-निर्देश पर चलते हैं. इसे लेकर यूनियन परिसर में कई बार विवाद भी हुआ था. महामंत्री से बार-बार विवाद होने और दूरी बढ़ने पर अध्यक्ष अमलेश कुमार ने पूर्व महामंत्री (चंद्रभान सिंह) के खेमे से नजदीकी बढ़ा ली और उनके आवास पर होने वाली बैठकों में तैयार होने वाली रणनीतियों के गवाह बनने लगे. स्थिति ऐसी बनी कि यूनियन ऑफिस की बैठकें आैपचारिक हो गयीं और अलग-अलग जगहों पर होने वाली बैठकों में ही रणनीतियां बनने लगीं. यहां तक की ग्रेड रिवीजन से लेकर कर्मचारियों के हितों से जुड़े तमाम मुद्दे गौण होने लगे और महामंत्री बनाम अध्यक्ष गुट की बयानबाजी और छींटाकशी ही यूनियन की पहचान बन गयी. लेकिन कमेटी मेंबरों के कड़े रुख के बाद दोनों ही गुटों के नजरिये में बदलाव आया है. महामंत्री प्रकाश कुमार भी अब स्पष्ट कर चुके हैं के वे यूनियन में बाहरी हस्तक्षेप को उचित नहीं मानते हैं औ इधर अध्यक्ष खेमे के लोग भी बाहरी को यूनियन में कोई भी पद देने पर सहमत नहीं हैं. ऐसे में महामंत्री के खिलाफ मुहिम चलाकर यूनियन में तख्ता पलटने की कोशिश को भी फिलहाल विराम लग गया है.
यूनियन में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा. अध्यक्ष, महामंत्री सहित पूरी यूनियन मजदूर हित में आगे भी कार्य करेगी.
– अमलेश कुमार, अध्यक्ष, टेल्को यूनियन
कुछ बाहरी लोग विवाद कर यूनियन में कब्जा करना चाहते हैं. यह नहीं होने दिया जायेगा. यूनियन में कोई बदलाव नहीं होगा. यही टीम आगे भी काम करेगी. जो कमियां हैं उसे दूर जायेगा.
– प्रकाश कुमार, महामंत्री, टेल्को यूनियन
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