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टायो रोल्स : मिलेगा 18-20 माह का बेसिक व एरियर

जमशेदपुर : टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई टायो रोल्स को बंद करने का फैसला लिया जा चुका है. टायो के एमडी शंकर मरार ने मंगलवार को जेनरल ऑफिस में टायो वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय, महासचिव बिनोद राय समेत तमाम पदाधिकारियों व कमेटी मेंबरों के साथ मीटिंग की. इस मीटिंग के दौरान मैनेजमेंट ने […]

जमशेदपुर : टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई टायो रोल्स को बंद करने का फैसला लिया जा चुका है. टायो के एमडी शंकर मरार ने मंगलवार को जेनरल ऑफिस में टायो वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय, महासचिव बिनोद राय समेत तमाम पदाधिकारियों व कमेटी मेंबरों के साथ मीटिंग की. इस मीटिंग के दौरान मैनेजमेंट ने साफ तौर पर कह दिया कि कंपनी को बंद किया जायेगा और सारे विभागों को एक-एक कर पूरी तरह बंद कर दिया जायेगा. हालांकि कंपनी ने बीएसइ में क्लोजर की कोई जानकारी नहीं दी है, बल्कि चरणबद्ध तरीके से सस्पेंशन की जानकारी दी है. गौरतलब है कि टायो रोल्स लिमिटेड में 750 से अधिक स्थायी कर्मचारी कार्यरत हैं.
इधर, मंगलवार को मैनेजमेंट की ओर से यूनियन को कर्मचारियों के सेटलमेंट का प्रस्ताव दिया गया. प्रस्ताव में कहा गया है कि जो कंपनी में 30 साल या उससे कम से काम कर रहे हैं, उन्हें कंपनी बंद हाेने की स्थिति में 18 माह का बेसिक व डीए का भुगतान किया जायेगा.
सीएम, एमपी व एमएलए से मिलेगी यूनियन: टायो को बचाने के लिए टायो वर्कर्स यूनियन राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास से गुहार लगायेगा. मैनेजमेंट से बातचीत होने के बाद यूनियन के अधिकारियों ने आपस में बैठक कर यह फैसला लिया. सांसद विद्युत वरण महतो, लक्ष्मण गिलुवा और सभी विधायकों से मिलकर वे मांग करेंगे, कि किसी तरह कंपनी को बचा लिया जाये. बिजली का 218 करोड़ रुपये के बकाये को अगर माफ कर दिया गया, तो निश्चित तौर पर सबको लाभ होगा.
विपक्ष कोर्ट जाने की तैयारी में : विपक्ष के लोग कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है. एसएन सिंह के नेतृत्व में लोग कोर्ट जाकर कंपनी को बचाने की कोशिश करेगा ताकि हर हाल में उनको लाभ दे दिया जाये. इसके लिए विपक्ष की ओर से सारी रणनीति बना ली गयी है.
टाटा स्टील की गैर जरूरी कंपनियां व विभाग बंद होंगे
टाटा स्टील अपने समूह के सारे गैर जरूरी और कम मुनाफा या घाटा में चलने वाली कंपनियों को सीधे तौर पर बंद करेगी या बेच देगी. कंपनी के आइएल 1 स्तर के सभी उच्चाधिकारियों का तीन दिनों से गहन मंथन टाटा स्टील के डिमना गेस्ट हाउस में चल रहा है. गुरुवार को इसका समापन हो जायेगा.
बैठक में मुख्यतौर पर चेयरमैन सायरस मिस्त्री द्वारा दिये गये निर्देश के मुताबिक, प्रोडक्टिविटी (उत्पादकता) को बढ़ाने के लिए लक्ष्य ‘शिखर-25’ को हासिल कर लेने पर चर्चा हो रही है. ‘शिखर 25’ के तहत कंपनी अपना मुनाफा टैक्स के भुगतान के पूर्व 25 फीसदी तक कर लेना चाहती है, जो अभी काफी कम है. इसके लिए साफ तौर पर कहा गया है कि जो भी प्लांट, विभाग, सेक्शन और कंपनियां, बदलते जमाने के साथ उपयोगी नहीं हैं, उन्हें तत्काल बंद कर दिया जाये और कर्मचारियों का सेटलमेंट कर दिया जाये, ताकि कंपनी को भी बचाया जा सके. कोरस के बाद के हालात को देखते हुए इसे लेकर भारत व साउथ ईस्ट एशिया पर ही फोकस किया गया है,

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