जमशेदपुर: काॅन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के तत्वाधान में सोमवार को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापारी महाधिवेशन शुरू हुआ.
इसमें सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करते हुए देश भर के व्यापारी नेताओं ने कहा की इ-कॉमर्स में एफडीआइ व्यापारियों को कतई स्वीकार नहीं है और पूरे देश में इसका डटकर विरोध किया जायेगा.महाधिवेशन में देश भर के लगभग 10 हजार व्यापारी नेता भाग ले रहे हैं जिसकी अध्यक्षता कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने की.
महाधिवेशन में शामिल सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया और उपाध्यक्ष सत्यनारायण अग्रवाल ने कहा की इ-कॉमर्स में एफडीआइ को अनुमति देने से असमान प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनेगा और सरकारी नीति की खामियांे फायदा उठा कर कंपनियां भारत के रिटेल बाजार पर कब्जा कर लेंगी. इसका असर से स्थानीय व्यापारियों पर पड़ेगा.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की इ-कॉमर्स में एफडीआइ व्यापारियों के लिए लाभदायक नहीं है क्योंकि विदेशी निवेश या तो प्राइवेट इक्विटी अथवा वेंचर कैपिटल से आता है जिस पर कोई ब्याज नहीं लगता और यदि वो विदेशी पैसा है तो पश्चिमी देशों में ब्याज की दर 0 .75 % से 3 % है जबकि भारत में बैंक से ब्याज की दर कम से कम 12 % है , ऐसे में ब्याज की दर में इतने बड़े अंतर से ही इ-कॉमर्स कंपनियां रिटेल व्यापर पर अपना कब्जा जमा लेंगी.