जमशेदपुर: टाटा स्टील में 14 नवंबर को एलडी गैस होल्डर फटने के मामले की जांच में एक रोचक मोड़ आ गया है. गैस होल्डर के ऑपरेशन में जुटे प्रबंधन के अधिकारियों को घटना से सवा घंटे पहले ही इस बात की आशंका हो गयी थी, कि यह फट सकता है. चीफ फैक्ट्री इंस्पेक्टर अवधेश सिंह के नेतृत्व में गठित दल की जांच में यह बात सामने आयी है.
जांच अधिकारियों ने पाया है कि गैस होल्डर में 60 से 80 क्यूबिक का दबाव होना चाहिए था. जब होल्डर में 60 से 90 क्यूबिक का दबाव हुआ, तब एक घंटा सिर्फ इसमें गंवा दिया गया कि आखिर गैस का परिचालन कौन रोकेगा. उस समय कोई वरीय पदाधिकारी मौजूद नहीं थे. अब जांच दल ने कंपनी प्रबंधन से पूरे घटनाक्रम की जानकारी और एलडी गैस होल्डर में लगाये गये सीसीटीवी की फुटेज मांगी है. हालांकि, इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है.
गुरुवार से एलडी गैस होल्डर फटने की उच्चस्तरीय जांच शुरू हुई. श्रमायुक्त द्वारा गठित दल अगले दो दिन तक मामले की जांच करेगा और रिपोर्ट सौंपेगा. रिपोर्ट सौंपने के लिए 10 दिसंबर तक का समय दिया गया है. जांच दल में चीफ फैक्ट्री इंस्पेक्टर अवधेश कुमार सिंह, डिप्टी चीफ फैक्ट्री इंस्पेक्टर एके मिश्र, सरायकेला-खरसावां के फैक्ट्री इंस्पेक्टर भारत भूषण और रांची के फैक्ट्री इंस्पेक्टर मनीष सिन्हा हैं. पहले दिन दल ने चार घंटे तक जांच की. जांच अधिकारी कंपनी में गये. वहां इन्होंने सबसे पहले सेफ्टी विभाग के पदाधिकारियों से घटना की जानकारी ली. सेफ्टी विभाग ने अपनी जांच में क्या पाया, एलडी गैस होल्डर में सेफ्टी के क्या उपाय किये गये थे, इसकी जानकारी ली. इसके बाद जांच अधिकारियों ने गैस होल्डर के समीप स्थित एफएमडी विभाग (फ्यूल मैनेजमेंट) से घटना के वक्त गैस का फ्लो कैसा था व क्या स्थिति थी, इसकी रिपोर्ट ली और बयान कलमबंद किया. जांच दल ने एलडी गैस होल्डर के कंट्रोल रूम की भी जानकारी ली.
अभी जांच चल रही
अभी जांच चल रही है. पहले दिन सिर्फ जानकारी ली गयी और बयान लिया गया. कुछ बातें सामने आयी हैं, जिन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. इस बारे में ज्यादा कुछ कह पाना काफी मुश्किल होगा. -अवधेश सिंह, चीफ फैक्ट्री इंस्पेक्टर
कौन-कौन हैं टीम में
चीफ फैक्ट्री इंस्पेक्टर अवधेश कुमार सिंह, डिप्टी चीफ फैक्ट्री इंस्पेक्टर एके मिश्र, सरायकेला-खरसावां के फैक्ट्री इंस्पेक्टर भारत भूषण और रांची के फैक्ट्री इंस्पेक्टर मनीष सिन्हा