श्रीकृष्ण-रुकमणि प्रसंग पर श्रद्धालु विभोर लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर जीव के परमात्मा से मिलन की पराकाष्ठा है. जीव जब ब्रह्म की छवि को आत्मसात कर लेता है तो ब्रह्म भी उसे अपने धाम में स्थान देते हैं. यह बातें भागवत किंकर अनुराग कृष्ण शास्त्री ने कही. वे गुरुवार को साकची स्थित धालभूम क्लब में श्रीमद भागवत कथा के तहत श्रीकृष्ण-गोपी के संवाद का प्रसंग सुना रहे थे. उन्होंने श्री कृष्ण-रुकमणि के मंगल (विवाह) का प्रसंग सुनाया. कहा कि कन्यादान से जीवन में दूसरा बड़ा दान नहीं है. दो वंश के उद्धार के लिए नवीन रचना यहीं से शुरू होती है. इससे पिता होने का ऋण उतर जाता है. गोपी गीत से दूर होता है हृदय रोग श्री शास्त्री ने कहा कि जिनको हृदय से संबंधित किसी प्रकार का जटिल रोग है वह प्रत्येक पूर्णिमा की आधी रात यानी 12 से दो बजे तक गोपी गीत गाये तो यह रोग जड़ खत्म हो जायेगा. बच्चे और नि:शक्तों के स्वस्थ्य होने के लिए सामर्थवान परिजनों को यह उपाय करना चाहिए. शुक्रवार को कथा का विश्राम दिवस है. इस दिन कथा का समय सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक रहेगा. इसके बाद पूर्णाहुति हवन होगा. किये गये सम्मानित व्यासपीठ पर विराजित भागवत किंकर अनुराग कृष्ण शास्त्री कन्हैया को दुपट्टा ओढ़ा कर सम्मानित किया गया. मौके पर बजरंग लाल अग्रवाल, शंभु खन्ना, सुनील देबुका, विनोद खन्ना, प्रमोद खन्ना और महावीर मूनका, अशोक अग्रवाल, संतोष मित्तल, भजन गायक महावीर अग्रवाल, सुरेश भौतिका, रमेश भौतिका, सांवरलाल अग्रवाल, भंवरलाल खंडेलवाल, रामवतार अग्रवाल, कुंडलिया, ललित सिंघानिया व अन्य उपस्थित रहे.
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धालभूम क्लब में श्रीमद भागवत कथा (फोटो बागवत कथा के नाम से )
श्रीकृष्ण-रुकमणि प्रसंग पर श्रद्धालु विभोर लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर जीव के परमात्मा से मिलन की पराकाष्ठा है. जीव जब ब्रह्म की छवि को आत्मसात कर लेता है तो ब्रह्म भी उसे अपने धाम में स्थान देते हैं. यह बातें भागवत किंकर अनुराग कृष्ण शास्त्री ने कही. वे गुरुवार को साकची स्थित धालभूम क्लब में श्रीमद […]
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