बिहार और झारखंड की डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सेंट्रल एक्साइज इंटेलिजेंस के जमशेदपुर स्थित कार्यालय से शुरू में जमशेदपुर की कुछ कंपनियों की जांच शुरू की गयी. हालांकि अब जांच की आंच हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा जैसे राज्यों तक पहुंच चुकी है. बिहार-झारखंड में केस की जांच पूरी होने के बाद फाइल केंद्रीय स्तर पर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सेंट्रल एक्साइज इंटेलिजेंस को भेजी जायेगी. विभिन्न राज्यों की टीम अपने स्तर पर जांच कर रही है.
Advertisement
फर्जीवाड़ा. डीजीसीआइ की जांच में खुलासा, कागजों पर चल रहीं 72 कंपनियां
जमशेदपुर: बिहार और झारखंड में 72 कंपनियां सिर्फ कागज पर संचालित कर सरकार को करोड़ों का चूना लगाया गया है. जांच में यह बात सामने आयी है. अब दस्तावेज का मिलान किया जा रहा है. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सेंट्रल एक्साइज इंटेलिजेंस विभाग (डीजीसीआइ) ने छह माह पूर्व जांच शुरू की थी. इसमें कई चौंकाने वाली […]
जमशेदपुर: बिहार और झारखंड में 72 कंपनियां सिर्फ कागज पर संचालित कर सरकार को करोड़ों का चूना लगाया गया है. जांच में यह बात सामने आयी है. अब दस्तावेज का मिलान किया जा रहा है. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सेंट्रल एक्साइज इंटेलिजेंस विभाग (डीजीसीआइ) ने छह माह पूर्व जांच शुरू की थी. इसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आयी हैं.
टैक्स क्रेडिट उलटे सरकार से लेती रही हैं कंपनियां
जांच में पता चला कि कई कंपनियां, फर्म और व्यवसाय फर्जी बिल पर चल रहे हैं, जबकि उसका पक्का बिल बनाकर पेश किया गया. सेंट्रल एक्साइज विभाग और सेल्स टैक्स सहित आयकर विभाग के समक्ष इस तरह के बिल पेश किये गये. देश के कर कानून के मुताबिक इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) ले लिया गया, जिसके जरिये करोड़ों की सरकारी राशि का गबन किया गया. फर्जी रूप से कंपनी से उत्पादन व माल की डिलिवरी दिखायी गयी और उसके बदले आइटीसी लिया गया. कर कानून के तहत कोई भी व्यक्ति वन-प्वाइंट पर टैक्स दे सकता है. कच्च माल की खरीद पर लगे टैक्स के बदले उसे सरकार टैक्स वापस करती है. इसके तहत सेल्स टैक्स का एडजस्टमेंट भी होता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement