जमशेदपुर: टाटा स्टील के एलडी- 2 में मारे गये देवेंद्र पाल सिंह की विधवा को नौकरी, मुआवजा समेत जितनी भी सुविधाएं कंपनी की ओर से दी जा सकती है, उसके बारे में जानकारी दी गयी. यह बताने के लिए विभागीय चीफ एसके खुल्लर, विभागीय यूनियन पदाधिकारी शाहनवाज आलम समेत अन्य लोग उनके घर गये थे.
इन लोगों ने परिवार के सदस्यों को ढांढस बंधाया. बताया गया कि फैमिली बेनीफिट स्कीम के तहत कंपनी सुविधाएं दे रही है. इसके तहत जो वेतनमान (बेसिक, डीए, आइबी समेत सारा ग्रॉस) मिलता था, वह छह माह तक मिलता रहेगा.
चूंकि, बच्चे अभी 18 साल के नहीं है और पढ़ना चाहते हैं, इस कारण बेटा और बेटी की पढ़ाई (ग्रेजुएशन के बाद इंजीनियरिंग, मेडिकल किसी भी फील्ड तक की पढ़ाई) का सारा खर्च कंपनी वहन करेगी. छह माह के बाद उनको बेसिक व डीए मिलेगा और हर साल 15 फीसदी तक इसमें बढ़ोतरी होती रहेगी. अगर बच्चे नौकरी करना चाहेंगे तो एक को (बेटा या बेटी) नौकरी दी जायेगी. अगर मजदूर ग्रेड में भी बहाली होगी तो स्टील वेज में ही बहाली हो सकेगी. क्वार्टर वही बना रहेगा, क्वार्टर भी वहीं आवंटित हो जायेगा. इस बीच कंपनी की ओर से मृत कर्मचारी के सारे सेटलमेंट का पैसा जो रिटायरमेंट के वक्त मिलने वाला था, वह दे दिया जायेगा. अगर बच्चे कहीं और काम करना चाहेंगे तो 60 साल तक कर्मचारी की पत्नी को कर्मचारी का वेतनमान दिया जायेगा.