जमशेदपुर: जमशेदपुर शहर को नगर निगम बनाया जायेगा या इंडस्ट्रियल टाउन, इस पर गुरुवार को फैसला होने की उम्मीद है. कल सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर सुनवाई होने वाली है.
सुनवाई में भाग लेने के लिए समाजसेवी जवाहरलाल शर्मा दिल्ली पहुंच चुके हैं. वहीं टाटा स्टील से कांग्रेस के केंद्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और श्री नरीमन जैसे कई बड़े वकील भी कोर्ट में खड़े होंगे. जस्टिस रंजन गोगोई और एसए बोड्डा की संयुक्त बेंच में इसकी सुनवाई होने वाली है. इससे पहले जस्टिस एमवाइ इकबाल श्री बोड्डा के स्थान पर थे, लेकिन श्री इकबाल ने स्वत: अपना नाम वापस ले लिया था, जिस कारण उनके स्थान पर चीफ जस्टिस ने एसए बोड्डा को संयुक्त बेंच में भेजा. मामले में संयुक्त याचिकाकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने उम्मीद जतायी है कि गुरुवार को सुनवाई हो जायेगी और कोई न कोई फैसला हो जायेगा, क्योंकि इसका नंबर पांचवां है.
इस मामले में झारखंड सरकार, टाटा स्टील समेत सभी कंपनियों के अलावा सभी पक्षों से इस पर जवाब मिल चुका है. संभव है कि फैसला आ जाये. इसके बाद यह तय होगा कि जमशेदपुर में नगर निगम बनेगा या इंडस्ट्रियल टाउन. इस पर सभी की निगाहें टिकी होंगी.
क्या है पूरा मामला
जमशेदपुर में नगर निगम बनाने को लेकर समाजसेवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने एक याचिका वर्ष 1988 में पटना हाइकोर्ट में दायर की थी. वर्ष 1989 में इस पर फैसला आ गया और बिहार सरकार ने फैसले के आधार पर जमशेदपुर में नगर निगम की स्थापना करने की अधिसूचना जारी कर दी. बाद में इसको लेकर टाटा स्टील समेत यहां के लोगों ने विरोध किया, जिसके बाद एक याचिका दायर की गयी, जिसको लेकर फिर से फैसला जवाहरलाल शर्मा के पक्ष में ही आ गया. इसके बाद वर्ष 2006 में नगर विकास मंत्री रहते रघुवर दास ने नगर निगम की स्थापना करने का आदेश दे दिया. इस दौरान अधिसूचना जारी की गयी. इसके खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी. सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल नगर निगम की अधिसूचना पर रोक लगा दी. अब इस मामले में सुनवाई होने वाली है.