जमशेदपुर : शहर में हत्या व फायरिंग के कई मामलों में वांछित मन्ना महतो का शवगुरुवार को आरआइटी थाना क्षेत्र के बिहारी कॉलोनी (मीरुडीह) स्थित ज्ञान कौर के मकान में फंदे से लटका मिला. मन्ना कई माह से फरार था. पिछले तीन माह से मन्ना बिहारी कॉलोनी में ज्ञान कौर के मकान में किराये पर अकेला रह रहा था. आसपास के लोगों के अनुसार बुधवार देर रात वह घर लौटा था. दोपहर में पड़ोसी की लड़की ने खिड़की से मन्ना को रस्सी के सहारे लटका देखा.
उसने अपने परिजनों को यह जानकारी और फिर सूचना पुलिस तक पहुंची. पुलिस ने मन्ना के परिजनों की सूचना दी. खबर मिलते ही मन्ना का भाई अमित महतो वहां पहुंचा और शव की शिनाख्त की. मन्ना के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सरायकेला भेज दिया है.
कीताडीह में मन्ना पर हुई थी फायरिंग. परसुडीह थानांतर्गत कीताडीह में किराये के मकान से सामान शिफ्ट करने के दौरान संजीत साव के गुर्गों ने मन्ना पर फायरिंग की थी. हालांकि फायरिंग में वह बच गया था. उसके बाद मन्ना ने कीताडीह से घर खाली कर दिया. कीताडीह से वह कहां गया, यह जानकारी किसी को नहीं थी.
पत्नी से झगड़े के कारण तनाव में रहता था मन्ना
मन्ना के भाई अमित महतो ने बताया कि मन्ना का उसकी पत्नी से कुछ दिनों से विवाद चल रहा था. बार-बार केस और मुकदमा होने के कारण पत्नी ने उसके साथ रहना छोड़ दिया था. पत्नी ने मन्ना से साफ कह दिया था कि जब तक वह अपराध को छोड़ नहीं देता, वह उसके साथ नहीं रहेगी.
पुलिस के अनुसार बुधवार रात को मन्ना काफी नशे में था. रात को उसने पत्नी को कई बार फोन कर बुलाया, लेकिन उसने आने से इनकार कर दिया. उसके बाद फोन बंद कर मन्ना ने रस्सी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली.
रंजीत साव गिराेह के टारगेट पर था मन्ना
मन्ना महतो पर संजीत-अजीत और उसके पिता पर फायरिंग करने के अलावा परसुडीह थाना में हत्या और ऑर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज है. गुदड़ी बाजार में फायरिंग करने के मामले में मन्ना महतो कई दिनों से फरारी में था. पुलिस उसकी तलाश में कई जगह छापेमारी कर चुकी है.
ऑर्म्स एक्ट, मारपीट और फायरिंग के मामले में कई बार वह जेल जा चुका था. डब्लू मिश्रा गिरोह के साथ रहने के कारण मन्ना रंजीत साव के टारगेट पर रहता था. दोनों गिरोह के युवक एक-दूसरे की हत्या करने के लिए कई हमले कर चुके है.