आदित्यपुर: इएसआइसी के बीमित कामगारों (आइपी) की सुविधा में कटौती किये जाने का सीटू ने कड़ा विरोध किया है. संगठन के अध्यक्ष नरेंद्र मिश्र, संयुक्त महामंत्री विजयकांत लाल दास, महामंत्री टीएन सिंह व मंटू मिश्र ने पत्रकार वार्ता में कहा कि आइपी को वीआइपी कहना सिर्फ छलावा रह गया है.
यहां करीब 1.60 लाख आइपी हैं. उनका व प्रबंधन का करीब 80 करोड़ रु प्रतिवर्ष इएसआइ के कोष में जमा होता है, लेकिन कामगारों व उनके अश्रितों को वैसी सुविधा नहीं मिल रही है, उल्टे केंद्र सरकार द्वारा सलाना यहां के लिये मिलने वाली 5 करोड़ की राशि को घटा कर 1.7 करोड़ कर दिया गया.
अस्पतालों से अनुबंध समाप्त हो रहा
स्थानीय अस्पतालों व नर्सिग होम से अनुबंध समाप्त कर डायलिसिस रोगी को बाहर भेजा जा रहा है. गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को कोलकाता भेज दिया जाता है. अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध रहने के बावजूद इसके लिये बाहर जाना पड़ता है. अब तक यहां बेडों की संख्या 200 नहीं की गयी है. यदि उक्त समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो संगठन आंदोलन करेगा.