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टाटा स्टील में 188 करोड़ तक बोनस की उम्मीद
जमशेदपुर : टाटा स्टील में बुधवार को बोनस समझौता हो जाने की उम्मीद है. इस साल बोनस की राशि 188 करोड़ रुपये तक हो सकती है. मंगलवार को प्रबंधन की ओर से बोनस के विभिन्न बिंदुओं पर बातचीत हुई. इसमें कई फाॅर्मूलों पर विचार करने के साथ-साथ और राशि बढ़ाने पर यूनियन ने जोर दिया. […]
जमशेदपुर : टाटा स्टील में बुधवार को बोनस समझौता हो जाने की उम्मीद है. इस साल बोनस की राशि 188 करोड़ रुपये तक हो सकती है. मंगलवार को प्रबंधन की ओर से बोनस के विभिन्न बिंदुओं पर बातचीत हुई. इसमें कई फाॅर्मूलों पर विचार करने के साथ-साथ और राशि बढ़ाने पर यूनियन ने जोर दिया.
वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी के साथ टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, महामंत्री सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय के बीच आधे घंटे बातचीत हुई. पहले से एक राउंड की बातचीत एचआरएम के हेड स्तर के अधिकारियों से हुई थी.
इस दौरान फाॅर्मूला तो पुराना ही रखा गया, सिर्फ प्रॉफिट (मुनाफा) पर मिलने वाली राशि बढ़ाने का दबाव दिया गया. बताया जाता है कि टाटा स्टील में मुनाफे पर पुराने फाॅर्मूले के तहत 1.5 फीसदी की राशि मिलनी है, जिसे बढ़ाकर करीब 1.6 फीसदी करने की कवायद चल रही है. हालांकि, कंपनी के भीतर हुए एक हादसे और एक माइंस में हुई मौत के कारण बोनस की राशि सेफ्टी के मामले में कम हो सकती है.
पिछले साल का फाॅर्मूला
1. नेट प्रॉफिट (भारतीय ऑपरेशन का कुल मुनाफा, सारी देनदारी व परिसंपत्तियों की बिक्री से हुई आमदनी) पर 1.5 फीसदी राशि है, जिसको बढ़ाकर 1.6 फीसदी किया जा सकता है. (यह राशि पिछले साल 3933 करोड़ रुपये थी, जबकि इस साल 4494 करोड़ रुपये है).
2. प्रॉफिटेबिलिटी (प्रति टन बिक्री योग्य स्टील) से अगर 500 करोड़ से 1000 करोड़ तक का मुनाफा होता है तो उसके बदले कर्मचारियों को 26.5 करोड़ रुपये बोनस मद में मिलेगा. इस फाॅर्मूले के तहत करीब 45 करोड़ रुपये तक की राशि दी जा सकती है.
3. प्रोडक्टविटी (प्रति कर्मचारी, प्रति वर्ष, प्रति टन उत्पादन). प्रोडक्टिविटी का मतलब एक कर्मचारी की उत्पादन क्षमता. अगर प्रति वर्ष 310 से 320 टन का उत्पादन करता है तो उसके बदले 27.5 करोड़ रुपये. (इस साल प्रोडक्टिविटी 721 टन उत्पादन, प्रति कर्मचारी, प्रति वर्ष), जिस पर करीब 50 करोड़ रुपये का बोनस की राशि होगी.
4. सेफ्टी एलटीआइएफआर (लॉस टाइम इंज्यूरी फ्रिक्वेंसी रेट) पर करीब 5 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी.
वीपी एचआरएम के साथ यूनियन की बातचीत में पुराना फॉर्मूला ही रखा गया
बेहतर हुई है प्रॉफिट, प्रॉफिटेबिलिटी, प्रोडक्टिविटी : पिछले साल 165 करोड़ रुपये बोनस के रूप में मिले थे, जिसमें चार करोड़ रुपये प्रधानमंत्री ट्रॉफी के आधार पर दिये गये थे. कुल बोनस की राशि 161 करोड़ ही थी, जिसमें यूनियन के आग्रह पर करीब चार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गयी थी. इस बार जो फाॅर्मूला तैयार हो रहा है, इससे यह राशि 188 करोड़ रुपये तक हो सकती है. हालांकि, इस बार प्रॉफिट, प्रॉफिटेबिलिटी, प्रोडक्टिविटी बेहतर हुई है. पिछले साल का मुनाफा 3933 करोड़ था, जो इस साल 4494 करोड़ हो रहा है.
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