जमशेदपुर: अोमान में कार्यरत धनबाद निवासी विनोद कुमार के बयान पर रविवार को मानगो थाने में सादिक उर्फ मुन्ना अौर प्रिया रानी उर्फ प्रिया आशिक के खिलाफ दूसरी शादी करने समेत अन्य आरोपों में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी. प्राथमिकी के बाद पुलिस ने सादिक को गिरफ्तार कर लिया. सादिक अौर प्रिया को सोमवार को कोर्ट में प्रस्तुत किया जायेगा वहां प्रिया का 164 के तहत बयान भी दर्ज कराया जायेगा. विनोद कुमार रविवार को अपने मित्र के साथ जमशेदपुर पहुंचे अौर बच्चे अनामिका एवं आलोज तथा प्रिया से भेंट की.
भेंट करने के बाद विनोद कुमार ने मानगो थाना में सादिक एवं प्रिया के खिलाफ बिना तलाक लिए दूसरी शादी करने, सादिक के खिलाफ विवाहित महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाने, 20 लाख रुपये रंगदारी वसूल करने तथा बच्चों को अपने पास रखने व धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया. विनोद के बयान पर प्राथमिकी दर्ज हुई. अौर सादिक को गिरफ्तार कर लिया. प्रिया पर लगे आरोप जमानती रहने के कारण उसे गिरफ्तारी से राहत दी गयी है. फिलहाल बच्चे मां के पास हैं.
सुरक्षा कारणों से एक दिन पूर्व पहुंचे विनोद
विनोद कुमार सोमवार को आने वाले थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से एक दिन पूर्व जमशेदपुर आ गये अौर थाना जाकर कानूनी प्रक्रिया पूरी की. विनोद कुमार ने बच्चों को सौंपने का आग्रह पत्र मानगो थाना प्रभारी को दिया है अौर सोमवार को कोर्ट में बच्चों को सौंपने की याचिका दायर करेंगे.
क्या है मामला?
विनोद ने बुधवार को अोमान से मुख्यमंत्री को ट्विट कर अपनी पत्नी व दो बच्चों का अपहरण कर मानगो में रखने की शिकायत करते हुए मदद मांगी थी. शिकायत में कहा गया था कि 2010 में दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशल एयरपोर्ट से तीनों का अपहरण किया गया. शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर मानगो पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी. विनोद कुमार ने एसएसपी को पत्र लिखकर बच्चों को लेकर भागने की आशंका जताते हुए बच्चों समेत सभी को डिटेन करने का आग्रह किया था, जिसके बाद मानगो पुलिस शुक्रवार की दोपहर से सादिक उर्फ मुन्ना, प्रिया अौर दोनों बच्चों को थाना में लाकर रखी हुई है.
प्रिया की सीएम से गुहार ‘बेटी की रक्षा करें’
जमशेदपुर. प्रिया आशिक ने मुख्यमंत्री काे मेल कर सुरक्षा प्रदान करने आैर मानसिक पीड़ा से उबारने की अपील की है. उसने मामले को जाति-धर्म से अलग रखकर एक मजबूर मां की पुकार सुनने की प्रार्थना की है. प्रिया ने लिखा है :
आदरणीय सीएम जी सादर प्रणाम
आप से मेरी और मेरे बच्चों की सहायता की गुहार है कि इस वक्त मुझे मेरे बच्चों के साथ किसी के गलत ट्विट से परेशान (होना) और मीडिया के सामने मेंटली और फिजिकली कष्ट उठाना पड़ रहा है, ये मैं बता नहीं सकती. ऐसा लगता है कि काश हम अपने बच्चों के साथ उस वक्त 2010 में एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही मौत को गले लगा लेती…
किसी का सहारा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए थी… वो भी एक दूसरे कास्ट के लड़के से… भले ही मर जाती…
सर जी वो बंदा (विनोद) 2014 में मानगो आजादनगर थाने में मुझे घर से पुलिस के द्वारा इंस्पेक्टर लक्ष्मण प्रसाद के सामने हाजिर करवाकर मेरा बयान और मेरी मरजी लिखित तौर (पर) दर्ज करवा दिया… और श्री लक्ष्मण प्रसाद जी द्वारा ये आश्वासन दे दिया जाता है कि जाइए आप लोगों को किसी के डर से छुपके रहने (की) जरूरत नहीं है तो सर हमें फिर उसी थाने वालों के द्वारा क्यों बंदी बनाकर रखा गया है और मेरे द्वारा एक ही बयान को बार-बार क्यों पूछा जा रहा है… जबकि हम तब से आज तक उसी किराये के मकान में उसी मोबाइल नंबर के साथ रह रहे हैं तो मेरा अपहरण और सादिक के द्वारा मुझे प्रताड़ित करने का सवाल ही नहीं होता. क्योंकि विनोद तब से यानी 2014 से मेरे उसी मोबाइल नंबर से जुड़ा है और कल के डेट तक उसका रोज मेरे मोबाइल में एसएमएस आता रहता है. और इस बात तक की जानकारी रहती है कि आज हम बाहर कहां किसके साथ गये… बच्चे किस स्कूल में पढ़ते थे, अब किस स्कूल में पढ़ रहे हैं तो सजा सीएम को, प्रशासन को, और दुनिया को गुमराह करने की उसे क्यों नहीं मिलनी चाहिए? उसे छोड़ सजा हम कमजोर को क्यों?
कृपया मेरी आपबीती सुने और इसे जात धर्म से अलग रखकर एक मजबूर मां की पुकार की तरह सुनें और सहायता करें…
आपकी बेटी प्रिया आशिक