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सिक्का नहीं लेने वालाें काे 17 साल की सजा या 20 हजार रुपये जुर्माना का है प्रावधान, दुकानदार कर रहे हैं सिक्के लेने से इनकार

जमशेदपुर : पांच सौ व हजार के नोट बंद होने के बाद जहां बड़े नाेट काे बदलने में लोगों परेशानी हुई थी, वहीं स्थिति इन दिनाें सिक्का काे लेकर हाे रही है. बैंकाें से लेकर बाजार तक सिक्काें की भरमार हाे गयी है. कई क्षेत्राें में दुकानदाराें ने 1-2-5 के सिक्के लेने से इनकार कर […]

जमशेदपुर : पांच सौ व हजार के नोट बंद होने के बाद जहां बड़े नाेट काे बदलने में लोगों परेशानी हुई थी, वहीं स्थिति इन दिनाें सिक्का काे लेकर हाे रही है. बैंकाें से लेकर बाजार तक सिक्काें की भरमार हाे गयी है. कई क्षेत्राें में दुकानदाराें ने 1-2-5 के सिक्के लेने से इनकार कर दिया है.
10 का सिक्का लेने से अॉटाे चालक कतरा रहे हैं. बैंक की क्वाइन वेंडिंग मशीन से भी हर दिन सिक्के निकल रहे हैं. इसके अलावा ग्राहकाें काे नाेट के बदले सिक्काें से भरी थैलियां दी जा रही हैं. कुछ दुकानदार आैर अॉटाे चालक दस का सिक्का यह कहकर लेने से इनकार कर रहे हैं कि यह नकली है. लीगल टेंडर मनी काे लेने से इनकार करना आरबीआइ के नियमों के मुताबिक गलत है. बैंकाें ने भी 1-2-5 दस रुपये का सिक्का चलन से बाहर नहीं किया है. अगर कोई सिक्का लेने से मना करता है, तो उसे जेल हो सकती है. एफआइआर दर्ज होने पर पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ चालान करके न्यायालय से सजा दिला सकती है.
दुकानदार सिक्का लेने में आनाकानी करते हैं. राउंड फिगर में समान लेने की वकालत करते हैं. ऐसे में नाहक बजट बिगाड़ रहे हैं. 1-2 रुपये का समान देने से वे लाेग परहेज करते हैं. इसके खिलाफ प्रशासन काे अभियान चलाना चाहिए.
– कमलेश कुमार, ग्राहक काशीडीह
सिक्काें की भरमार हाे गयी है. लेना नहीं चाहते हैं, एेसी बात नहीं है. एक समय था जब सिक्का बट्टा पर लेना पड़ता था. अब बट्टा पर देने काे तैयार हैं, ताे काेई लेनेवाला नहीं है. नाेटबंदी के बाद लाेगाें काे भय हाे गया कि सिक्का भी बंद हाेगा, इसलिए काफी सिक्का बाजार में आ गया. बैंक आैर महाजन सिक्का लेने में परहेज बरतते हैं, ताे फिर दुकानदार सिक्का अपने पास रखकर क्या करेंगे.
– गाेपाल साहू, साहू स्टाेर, साकची
बिष्टुपुर स्थित एसबीआइ की क्वाइन वेंडिंग मशीन से हर माह 20-22 लाख रुपये के सिक्के लाेग ले जा रहे हैं. सिक्काें का इस्तेमाल हाे रहा है. इस पर कहीं से काेई राेक नहीं है. चलन की मुद्रा काे यदि काेई बहिष्कार करता है, ताे उसके खिलाफ कार्रवाई अवश्य हाेनी चाहिए. बैंक से भी सिक्काें का लेन-देन हाे रहा है.
– राजेश कुमार वर्मा, सहायक महाप्रबंधक, एसबीआइ
लीगल टेंडर मनी पूरी तरह से वैध है, लोग लेनदेन में इसका खुलकर इस्तेमाल करें. इसे लेने से मना करना भारतीय मुद्रा का अपमान है. अगर दुकानदार लेने से इंकार करता है कि उसके खिलाफ कई धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है. नोट या सिक्का का जाली मुद्रण, जाली नोट या सिक्का चलाना और सही सिक्काें को लेने से मना करना भारतीय दंड संहिता की धारा 489 ए से 489 इ के तहत अपराध की श्रेणी में आता है.
जीसी बाराट बाबला, अधिवक्ता

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