टुइलाडुंगरी गुरुद्वारा. गुरु महाराज के सामने परचा डाल कर चुनाव तिथि की घोषणा
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धक्का-मुक्की व हंगामे के बीच चुनाव टला, अब मतदान 5 को
टुइलाडुंगरी गुरुद्वारा. गुरु महाराज के सामने परचा डाल कर चुनाव तिथि की घोषणा सीजीपीसी-चुनाव पदाधिकारियों को नहीं निकलने दिया सीजीपीसी व चुनाव कमेटी ने कई बार बदला निर्णय मतदान के लिए आयी मतपेटी को चुनाव कमेटी ने हटवाया गुरुद्वारा गेट के अंदर व बाहर फोर्स रही तैनात बाहर होती रही नारेबाजी, लोग छत से देखते […]
सीजीपीसी-चुनाव पदाधिकारियों को नहीं निकलने दिया
सीजीपीसी व चुनाव कमेटी ने कई बार बदला निर्णय
मतदान के लिए आयी मतपेटी को चुनाव कमेटी ने हटवाया
गुरुद्वारा गेट के अंदर व बाहर फोर्स रही तैनात
बाहर होती रही नारेबाजी, लोग छत से देखते रहे नजारा
जमशेदपुर : टुइलाडुंगरी गुरुद्वारा में वोटर लिस्ट के विवाद को लेकर धक्का-मुक्की और हंगामे के बीच प्रधान का चुनाव रविवार को टाल दिया गया. आक्रोशित लोगों ने सीजीपीसी व चुनाव कमेटी के निर्णय को भी नहीं माना. लोगों ने सीजीपीसी अधिकारियों को गुरुद्वारा गेट से बाहर निकलने नहीं दिया. लोग दो-तीन दिन में चुनाव कराने पर अड़े थे, जबकि चुनाव कमेटी ने मतदान के लिए अगली तारीख 9 जुलाई निर्धारित कर दी थी. लोगों को आक्रोश के आगे सीजीपीसी व चुनाव कमेटी को झुकना पड़ा. घंटाें हंगामे के बाद दंडाधिकारी की मौजूदगी में उम्मीदवार कुलदीप सिंह और दलबीर सिंह ने श्री गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष तिथि निर्धारित करने के लिए परचा रखा.
परचा टेल्को गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान गुरमीत सिंह तोते ने उठाया. परचा के आधार पर बुधवार (5 जुलाई) की चुनाव की तिथि निर्धारित की गयी. इसके बाद दोपहर 1.15 बजे मामला शांत हुआ. इससे पूर्व गुरुद्वारा भीतर और बाहर दोनों उम्मीदवारों के समर्थक नारेबाजी करते रहे. उम्मीदवार के समर्थकों ने सीजीपीसी के कन्वेनर हरनेक सिंह, प्रधान इंद्रजीत सिंह, चुनाव कमेटी के रंजीत सिंह, सुखदेव सिंह मल्ली, दीदार सिंह, चरणजीत सिंह व अन्य पदाधिकारियों को खरी-खोटी भी सुनायी. गुरुद्वारा गेट पर जमे लोगों को कई बार पुलिस ने धक्का देकर हटाया.
साढ़े दस बजे पहुंचे सीजीपीसी के प्रधान. टुइलाडुंगरी गुरुद्वारा में विवाद बढ़ने की सूचना पाकर रविवार सुबह साढ़े दस बजे सीजीपीसी के प्रधान इंद्रजीत सिंह समर्थकों संग पहुंचे. उन्होंने अपने स्तर से मामला सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन लोगों के समक्ष उनकी एक नहीं चली. बाद में दंडाधिकारी व पुलिस की मदद से हंगामा करने वालों को बाहर निकला गया. फिर दोनों उम्मीदवार के साथ बैठकर निर्णय हुआ. चुनाव कन्वेनर की बात सुनकर नारेबाजी. दोनों उम्मीदवारों ने 9 जुलाई को मतदान की तारीख तय कर ली गयी. सीजीपीसी के चुनाव कन्वेनर हरनेक सिंह निर्णय को सुनाने गुरुद्वारा गेट से बाहर पहुंचे तो उनकी बातें सुनने के बाद उम्मीदवार दलबीर सिंह गुट के समर्थक नाराज हो गये. सभी सीजीपीसी विरोधी नारे लगाने लगे.
जसबीर सिंह को ही अगले तीन वर्ष के लिए जसबीर सिंह प्रधान बने रहने की बात पर अड़ गये थे.कई बार समर्थकों को पुलिस ने हटाया, बाद में बेरिकेट लगाया. चुनाव को लेकर गुरुद्वारा गेट के बाहर हंगामा करने वाले लोगों को कई बार पुलिस ने हटाने का प्रयास किया, लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं थे. इसके बाद सीसीआर से क्यूआरटी बुलायी गयी. क्यूआरटी आने के बाद जवानों से गेट के सामने मोरचा संभाला. पुलिस ने बेरिकेट कर लोगों का आने से रोका.महिलाओं को पुलिस ने हटाया.
दलबीर सिंह और कुलदीप सिंह के बीच चुनाव कमेटी ने कई बार समझौता के लिए समय दिया, लेकिन दोनों नहीं माने. गुरुद्वारा के अंदर कुछ महिलाएं दलबीर समर्थकों की बातों पर ही निर्णय लेने का आरोप लगाने लगी. इस दौरान डीएसपी विवेकानंद ठाकुर और गोलमुरी थानेदार रामजी महतो ने महिला पुलिस बल का इस्तेमाल कर महिलाओं को वहां से हटाया. इस दौरान कई तरह के गंभीर आरोप भी लगाये गये.629 वोटर लिस्ट पर दोनों उम्मीदवार ने किया हस्ताक्षर. वोटर लिस्ट के विवाद में रविवार को होने वाला चुनाव टाल दिया गया. इसके बाद दंडाधिकारी व चुनाव कमेटी के समक्ष कुछ वोटराें का नाम लिस्ट में शामिल किया गया. कुल 629 वोटरों की लिस्ट तैयार कर दोनों उम्मीदवार का लिस्ट पर साइन लिया गया.
…और नहीं आने पर ले लिया जायेगा एकतरफा फैसला. दोनों उम्मीदवारों के समक्ष सीजीपीसी ने लिखित निर्णय लिया है कि 5 जुलाई को होने वाले चुनाव में यदि किसी उम्मीदवार ने चुनाव के दिन दस्तावेजों की कार्रवाई में विलंब किया या फिर किसी तरह का व्यवधान डालने का प्रयास किया तो सीजीपीसी एकतरफा फैसला लेने के लिए बाध्य होगा. सीजीपीसी ने निर्णय को मानने के लिए दोनों उम्मीदवार से हस्ताक्षर भी करा लिये गये.
आधा घंटा इंतजार के बाद वोटरों ने किया हंगामा. रविवार की सुबह आठ बजे चुनाव कमेटी के सात पदाधिकारी, सीजीपीसी की तरफ से दो अधिकारी समेत वोलेंटियर मतदान कराने गुरुद्वारा पहुंचे. उम्मीदवार दलबीर सिंह ने चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली. दूसरे उम्मीदवार कुलदीप सिंह चुनाव कमेटी के बुलाने पर भी प्रक्रिया पूरी करने नहीं पहुंचे. वह वोटर लिस्ट के विवाद को लेकर चुनाव रद्द करने के लिए एसडीओ तक जा पहुंचे. इधर, मतदान के लिए लाइन में लगे मतदाताओं ने चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं होेने पर हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद माहौल बिगड़ गया. गुरुद्वारा कैंपस में ही उम्मीदवार के समर्थकों व वोटरों ने चुनाव कमेटी को घेर लिया. हंगामे के बीच दंडाधिकारी जगदीश प्रसाद हाजरा और अशोक कुमार तिवारी ने लोगों को धक्का देकर कैंपस से बाहर निकला.
मजिस्ट्रेट की बातों को भी नहीं सुना किसी ने
चुनाव कराने के लिए नियुक्त किये गये दंडाधिकारियों ने भी वोटर लिस्ट पर सहमति बन जाने के बाद हंगामे को शांत कराने का प्रयास किया. दंडाधिकारी ने दोनों मतदाताओं को आज ही (रविवार) को चुनाव करा लेने का अनुरोध किया, लेकिन वोटरों के घर लौट जाने का हवाला देते हुए चुनाव नहीं कराया.
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