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मतदाता सूची: दो पाटों के बीच पिस रहे शिक्षक, बीएलओ बनने के लिए मांगा आदेश

आदित्यपुर: शहरी क्षेत्र के सरकारी शिक्षक मतदाता सूची व मतदाता पहचान पत्र से संबंधित कार्य के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसइ) से लिखित आदेश प्राप्त होने पर बीएलओ बनेंगे. इसके लिए गम्हरिया अंचलाधिकारी (सीओ) कामिनी कौशल लकड़ा ने शिक्षकों को आश्वस्त किया है कि बीएलओ के कार्य के लिए शिक्षकों को आदेश जारी करने के […]

आदित्यपुर: शहरी क्षेत्र के सरकारी शिक्षक मतदाता सूची व मतदाता पहचान पत्र से संबंधित कार्य के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसइ) से लिखित आदेश प्राप्त होने पर बीएलओ बनेंगे. इसके लिए गम्हरिया अंचलाधिकारी (सीओ) कामिनी कौशल लकड़ा ने शिक्षकों को आश्वस्त किया है कि बीएलओ के कार्य के लिए शिक्षकों को आदेश जारी करने के संबंध में डीएसइ से बात करेंगी.

मंगलवार को आदित्यपुर नगर निगम कार्यालय में 18 व 22 जुलाई को लगने वाले विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण शिविर को लेकर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था. इसमें निगम के सफाई निरीक्षक भूपेंद्रनाथ सिन्हा व प्रतिनियुक्त पारा शिक्षक सत्येंद्र सिंह ने बीएलओ के रूप में आये शिक्षकों के बीच प्रशिक्षण सामग्रियों का वितरण किया. शिक्षकों ने अपनी बात रखने के लिए सीओ को बुलाने की मांग की. जब सीओ श्रीमती लकड़ा यहां आयीं, तो उन्हें बताया गया कि बीएलओ के गैर शैक्षणिक कार्य को लेकर शिक्षक दोराहे पर हैं.

विभाग उन्हें गैर शैक्षणिक कार्य करने से मना करता है, क्योंकि इससे स्कूल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है. दूसरी ओर जिला प्रशासन उन्हें बीएलओ का दायित्व सौंप रहा है. शिक्षकों ने कहा कि उन्हें बीएलओ के काम से इंकार नहीं है, लेकिन इस संबंध में डीएसइ का पत्र निर्गत होना चाहिए, ताकि विभाग का भय समाप्त हो.

गैर शैक्षणिक कार्य पर रोक
शिक्षकों ने बताया कि शिक्षा विभाग के सचिव ने काफी पहले ही यह निर्देश जारी किया है कि गैर शैक्षणिक कार्य करते पाये गये शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. बीएलओ आदि का काम शिक्षकों की जगह अन्य सरकारी कर्मचारियों से लिया जाना है.
ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षक हुए मुक्त
गम्हरिया प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों बीएलओ के दायित्व से मुक्त कर दिया गया है. यहां के शिक्षकों ने शिक्षा सचिव के आदेश का हवाला देते हुए बीडीओ को इस कार्य से उन्हें मुक्त रखने का अनुरोध किया था, जिसे मान लिया गया.

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