लगभग दो घंटा बाद कांड्रा थाना प्रभारी रविश कुमार, बीडीओ हरिशंकर बारिक, सीओ कामिनी कौशल लकड़ा व मुखिया पियो हांसदा के हस्तक्षेप पर उसे ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाकर कांड्रा थाना लाया गया. इसके बाद उसे उसके परिजनों को सौंप दिया गया. श्री बारिक ने बताया कि पूछताछ के क्रम में पता चला कि वह बीआइटी सिंदरी में इंजीनियरिंग का छात्र है, वह गर्मी की छुट्टी में अपने मामा घर भदुआगोड़ा जा रहा था.
स्थानीय भाषा नहीं बोल पाने के कारण उसे ग्रामीणों के गलतफहमी का सामना करना पड़ा. घटना की सूचना पाकर कांड्रा थाना पहुंचे एसडीपीओ अजीत कुमार ने बताया कि बच्चा चोरी को लेकर कोई मामला नहीं है. ग्रामीणों ने चेहरा देख शक के आधार पर रोक कर रखा गया था. कोई अप्रिय घटना नहीं घटे इसको देखते हुए सुरक्षा के दृष्टिकोण से उसे थाना लाया गया. पूछताछ के बाद परिजन उन्हें ले गये.