पदमा. वर्षों से बंद आम रास्ता को मुखिया द्वारा खोलने के बाद राजपरिवार के सदस्य पूर्व विधायक सौरभ नारायण सिंह ने उस रास्ते को पुनः चहारदीवारी देकर बंद करा दिया. विवादित इस रास्ते को राजपरिवार द्वारा पुनः बंद करने पर स्थानीय सीओ और पुलिस की चुप्पी पर मुखिया अनिल मेहता सहित ग्रामीणों ने सवाल खड़ा किया है. मुखिया का कहना है कि जब मैंने स्थानीय लोगों के हक के लिए सड़क खुलवाया, तो राजपरिवार के विरोध पर प्रशासन ने गैरकानूनी बता कर त्वरित कार्रवाई की. थाना में मामला दर्ज कर 24 घंटा के अंदर तीनों लोगों को हिरासत में लेकर दो को जेल भेज दिया गया. इस विवादित रास्ते को सीओ द्वारा जांच रिपोर्ट आने से पूर्व ही राजपरिवार ने चहारदीवारी देकर रास्ता को पुनः बंद कर दिया. इस पर प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी. मुखिया ने कहा कि दीवार देकर रास्ता को बंद किये जाने की सूचना सीओ, पदमा ओपी और बरही एसडीएम तक को दी गयी. सैकड़ों लोग सीओ से मिल कर जल्द जांच रिपोर्ट देने का आग्रह किया गया, पर चहारदीवारी देने के दिन अचानक सीओ छुट्टी पर चले गये. इस संबंध में सीओ से पूछे जाने पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
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