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हजारीबाग के केरेडारी में घर तोड़ने के विरोध में सड़क पर उतरे रैयत, ट्रांसपोर्ट वाहनों को रोका

हजारीबाग के चट्टीबारियातू कोल परियोजना से कोयला ढुलाई को लेकर कंपनी और रैयतों के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. एक रैयत द्वारा ट्रांसपोर्टिंग सड़क पर रातों-रात घर बनाने और NTPC द्वारा तोड़े जाने से विवाद बढ़ गया. इसके विरोध में रैयत सड़क पर उतर कर ट्रांसपोर्ट वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी.

केरेडारी (हजारीबाग), अरुण यादव : हजारीबाग जिला के केरेडारी में स्थित चट्टीबारियातू कोल परियोजना से कोयला ढुलाई को लेकर कंपनी और रैयतों का मसला सुलझने का नाम ही नहीं ले रहा है. एक ओर रैयत ट्रांसपोर्टिंग सड़क को काटकर वाहनों को जाने से रोक दिया, वहीं रैयत सुरेश भुईयां ने बीच सड़क में ही रातों रात घर बना दिया. ट्रांसपोर्टिंग के लिए वाहनों के आवागमन में परेशानी न हो इसके लिए एनटीपीसी एवं ट्रांसपोर्टर जय अंबे कंपनी के कर्मियों द्वारा जबरदस्ती घर को जेसीबी से तोड़ दिया गया. सड़क में बने घर को टूटते ही ग्रामीणों ने ट्रांसपोर्टिंग कार्य का भारी विरोध करने लगे. विस्थापित क्षेत्र की महिला-पुरुष सड़क पर उतर कर ट्रांसपोर्टिंग के लिए पहुंचे वाहनों को खदेड़ कर भगा दिया.

रैयतों ने जताया विरोध

कोयला ढुलाई के लिए एनटीपीसी द्वारा चट्टीबारियातू कोल यार्ड से लबनिया मोड़ तक सड़क का निर्माण कराया गया है. जिसमें जोरदाग, मुंडा टोली के रैयतों का रैयती और गैरमजरुवा जमीन भी लिया गया है. रैयत सुरेश भुईयां ने अपनी जमीन में सड़क में ही घर बना दिया. जिसे एनटीपीसी और ट्रांसपोर्टर द्वारा जमीन को जेसीबी से तोड़ दिया गया. एनटीपीसी द्वारा रैयत सुरेश भुईयां का घर तोड़ने का विरोध किया. रैयत सुरेश भुईयां ने कहा कि अपनी जमीन पर घर बनाया था, जिसे कंपनी ने जानकारी दिए बगैर तोड़ दिया. इससे मेरा हजारों का नुकसान हुआ है.

ग्रामीणों ने एनटीपीसी पर लगाया आरोप

परियोजना से कोयला ढुलाई को लेकर विस्थापित गांव जोरदाग, पगार, चट्टीबारियातु के रैयतों में आक्रोश है. रैयतों ने कहा की एनटीपीसी चट्टीबारियातू परियोजना का ओबी रखने और कोयला ढुलाई के लिए रैयती जमीन का उपयोग किया है. आरोप लगाया कि कंपनी रैयतों को जमीन मुआवजा का भुगतान नहीं किया है. बिना मुआवजा मिले परियोजना से कोयला की ढुलाई नही होने देंगे. रैयतों ने जमाबंदी, गैरमजरूवा, रैयती जमीन का एक मुस्त भुगतान करने, परियोजना क्षेत्र के विस्थापित प्रभावित रैयतों को मूलभूत सुविधाएं देने, एनटीपीसी, ट्रांसपोर्टर एवं प्रशासन द्वारा रैयतों पर फर्जी मुकदमा वापस लेने, साथ ही कंपनी को दलालों से दूर रहने, ट्रांसपोर्टिंग के लिए गांव में ही रैयतों के साथ के वार्ता करने मांग का किए.

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ट्रांसपोर्टिंग शुरू करने में रैयत कंपनी का करे सहयोग : जीएम इस संबंध में चट्टीबारियातू परियोजना जीएम वीएम सिंह ने कहा कि पहले जमीन में कोई निर्माण नही था. गैरमजरूवा जमीन में रैयत सुरेश द्वारा रातों रात अवैध तरीके से कच्चा मकान बनाया गया था. गैरमजरूवा जमीन का मुआवजा सरकार को भुगतान किया गया है. ट्रांसपोर्टिंग शुरू करने में रैयत कंपनी का सहयोग करे. एनटीपीसी रैयतों के साथ वार्ता करने के लिए तैयार है.

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