हजारीबाग. सोमवार की सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारे गये भाकपा माओवादी के सैक सदस्य रघुनाथ हेंब्रम उर्फ शिबू मांझी उर्फ निर्भय उर्फ चंचल और जोनल सदस्य वीरसेन गंझू उर्फ खेलावन गंझू का शव 36 घंटे बाद भी परिजन लेने नहीं पहुंचे. दोनों का शव शेख भिखारी मेडिकल अस्पताल के मॉर्चरी में रखा गया है. 25 लाख का इनामी नक्सली रघुनाथ हेंब्रम गिरिडीह जिला के डुमरी के जरीडीह का रहनेवाला था. वहीं 10 लाख का इनामी नक्सली वीरसेन गंझू हजारीबाग जिले के केरेडारी बकचुंबा का रहनेवाला था. जबकि भाकपा माओवादी केंद्रीय सदस्य प्रवेश दा उर्फ सहदेव सोरेन का शव उसके परिजन शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मॉर्चरी से ले गये. वह हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ के मंडारी गांव का रहनेवाला था. इस पर सरकार ने एक करोड़ का इनाम घोषित किया था. बता दें कि 15 सितंबर की सुबह भाकपा माओवादी के तीन सदस्यों को पुलिस ने गोरहर थाना के पांतीतरी के लोहरगोड़ा टोला में मार गिराया था. इसके बाद तीनों के शवों को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया था. मुक्तिधाम सेवा संस्थान के संस्थापक नीरज कुमार पासवान ने कहा कि मारे गये नक्सलियों के शव को मॉर्चरी में 72 घंटे तक रख कर उनके परिजनों के आने का इंतजार किया जायेगा. इसके बाद दोनों शव का अंतिम संस्कार कर दिया जायेगा.
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