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कई बीमारियों का रामबाण इलाज है महुआ, ग्रामीणों की कमाई का बेहतरीन जरिया

Mahua : ग्रामीण अपने परिवार के सदस्यों के साथ अहले सुबह से ही खेतों और जंगलों में महुआ पेड़ों के नीचे गिरे हुए फूलों को इकट्ठा करने में जुट जाते हैं. ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए महुआ किसी रीढ़ की हड्डी से कम नहीं है. इसे बेचकर अच्छी आमदनी होती है. महुआ कई बीमारियों के लिए भी रामबाण इलाज है. इसकी एक नहीं सैंकड़ों खूबियां है.

Mahua| बड़कागांव, संजय सागर : झारखंडी किशमिश के नाम से मशहूर महुआ के फूलों की मनमोहक खुशबू से ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे हैं. हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र में इन दिनों महुआ की खुशबू फैली हुई है. ग्रामीण अपने परिवार के सदस्यों के साथ अहले सुबह से ही खेतों और जंगलों में महुआ पेड़ों के नीचे गिरे हुए फूलों को इकट्ठा करने में जुट जाते हैं. ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए महुआ किसी रीढ़ की हड्डी से कम नहीं है.

आमदनी का बेहतरीन जरिया बना महुआ

मार्च-अप्रैल माह में छोटे बच्चों से लेकर बूढ़े-बुजुर्ग तक परिवार के सभी लोग सुबह से ही महुआ चुनने में लग जाते हैं. महुआ फूल को बेचकर अच्छी आमदनी होती है. इससे ग्रामीणों को बच्चों की पढ़ाई, घर खर्च और अन्य जरूरत के सामान खरीदने में काफी मदद मिलती है. मार्च-जून के महीने में महुआ की कीमत 20 से 40 रुपए प्रति किलो होती है. वहीं जुलाई-फरवरी तक इसकी कीमत 60 रुपए प्रति किलो होती है.

बड़कागांव में 75 हजार से अधिक महुआ के पेड़

बड़कागांव में खैरातरी, कंडारी, महोदी बुढ़वा महादेव पहाड़, द्वारपाल पहाड़, बेथानिया पहाड़, अंबा टोला पहाड़, लौकरा, पंकरी बरवाडीह , चंदौल, होरम, सांढ, महुगाई खुर्द महुगाई कला,हरली,बादम, गोंदलपुरा, राउतपारा, बाबुपारा , जर्जरा, तलसवार, अंगों, अंबा टोला, झिकझोर, पलांडू समेत 84 गांव में लगभग 75 हजार से अधिक महुआ के पेड़ हैं.

महुआ के फूल से बनते हैं स्वादिष्ट व्यंजन

महुआ के फूल से कई प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन जैसे – खीर, हलवा, लड्डू , जैम , बिस्किट, पुआ इत्यादि भी बनायें जाते हैं. बड़कागांव के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग महुआ के फल से तेल भी बनाते हैं. इन तेलों से ग्रामीण सब्जी पकाते हैं. महुआ चुनने वाले एक बुजुर्ग बालेश्वर महतो ने बताया कि, जब धान का उत्पादन कम होता था तो उनके दादा और पूर्वज महुआ का सेवन भोजन के रूप में करते थे.

कई बीमारियों का रामबाण इलाज है महुआ

कुछ लोग महुआ के पेड़ को ‘बटर ट्री’ के नाम से भी जानते हैं. महुआ का पेड़, तना, छाल, फल, फूल, और पत्तियां सभी काफी गुणदायक होती है. शरीर में खून की कमी, पेट संबंधी समस्या, सर्दी-जुकाम जैसी कई बीमारियों में महुआ फायदेमंद होता है. इसकी एक नहीं सैंकड़ों खूबियां है.

  • महुआ पेड़ के तने से दातुन करना दांतों के लिए काफी फायदेमंद होता है. दांतों से खून निकलने या अन्य समस्याओं में महुआ का दातुन काफी कारगर साबित होता है.
  • महुआ के फूल शरीर में खून की कमी को दूर करते हैं. एनीमिया जैसी बीमारी में महुआ का फूल खून की कमी दूर करने में सहायक होता है.
  • महुआ के फूल शरीर में हीमोग्लोबिन की संख्या बढ़ाते हैं. ब्रेस्टफीडिंग में दिक्कत होने पर दूध के साथ महुआ फूल का सेवन काफी कारगर होता है.
  • महुआ के फूल पेट संबंधी समस्याओं से भी निजात दिलाते हैं. रोजाना सुबह-शाम महुआ फूल को पानी में उबालकर पीने से पेट में अल्सर और आंत की समस्या से राहत मिलती है. इससे पाचन तंत्र भी बढ़िया रहता है.
  • महुआ के फूल बुखार में भी असरदार होते हैं. महुआ के फूल को पानी में उबालकर पीने से फ्लू में राहत मिलती है.
  • महुआ को पीसकर, उसके रस को छानकर उसके मिश्रण को पीने से खांसी, बलगम जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी.
  • महुआ के फूल सिर दर्द से भी राहत दिलाते हैं. महुआ के फूल के तेल या रस से मसाज करने पर सिर दर्द की शिकायत दूर होती है.
Dipali Kumari
Dipali Kumari
नमस्कार! मैं दीपाली कुमारी, एक समर्पित पत्रकार हूं और पिछले 3 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. वर्तमान में प्रभात खबर में कार्यरत हूं, जहां झारखंड राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण सामाजिक, राजनीतिक और जन सरोकार के मुद्दों पर आधारित खबरें लिखती हूं. इससे पूर्व दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट सहित अन्य प्रतिष्ठित समाचार माध्यमों के साथ भी कार्य करने का अनुभव है.

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